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    छात्रवृत्ति घोटाला: गिरफ्तारी से बचने के लिए बनाया बीमारी का बहाना

    छात्रवृत्ति घोटाले में दून के कॉलेज संचालक एसआइटी से बचने को बीमारी का बहाना बना रहे हैं। एसआइटी ने सात कॉलेज संचालकों को बयान दर्ज कराने को नोटिस भेजे गए।

    By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 02 Jun 2019 09:52 AM (IST)
    छात्रवृत्ति घोटाला: गिरफ्तारी से बचने के लिए बनाया बीमारी का बहाना

    देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में दून के कॉलेज संचालक एसआइटी से बचने को बीमारी का बहाना बना रहे हैं। एसआइटी ने सात कॉलेज संचालकों को बयान दर्ज कराने को नोटिस भेजे गए। जिसमें तीन संचालकों ने मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर समय मांगा है। इधर, घोटाले में एक विधायक के बेटे का कॉलेज भी जांच के दायरे में आया है। यूनिवर्सिटी से दस्तावेज मिलते ही इस मामले में कार्रवाई हो सकती है।

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    छात्रवृत्ति घोटाले में दून के प्रेमनगर, राजपुर रोड, डालनवाला, रायपुर, डोईवाला और ऋषिकेश के करीब 26 कॉलेजों के नाम सामने आए हैं।

    इनमें प्रेमनगर क्षेत्र के नौ कॉलेजों के खिलाफ एसआइटी जांच कर रही है। एसआइटी को अभी तक सात कॉलेजों के खिलाफ गड़बड़ी के प्रमाण मिले हैं। इसी आधार पर एसआइटी ने कॉलेज संचालकों को नोटिस जारी करते हुए बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था। सूत्रों का कहना है कि कॉलेज संचालक हार्ट की बीमारी, शुगर और दूसरी गंभीर बीमार का बहाना बनाते हुए एसआइटी को लिखित में पत्र देकर समय मांग रहे हैं। इनमें से एक कॉलेज संचालक ने तो हार्ट की बायपास सर्जरी होने का मेडिकल सर्टिफिकेट दिया है। एसआइटी सूत्रों का कहना है कि इन कॉलेजों के खिलाफ 70 फीसद सबूत मिल गए हैं। बयान दर्ज करने के बाद इन पर कार्रवाई होगी।

    ऊंची पकड़ के चलते कार्रवाई में देरी

    देहरादून के अधिकांश कॉलेज संचालक सरकार के काफी नजदीकी लोगों के हैं। ऊंची पकड़ और रुतबे के चलते इन पर पुलिस भी आसानी से हाथ नहीं डाल रही है। चर्चा है कि कुछ कॉलेज संचालकों ने इसके लिए उच्चाधिकारियों से भी सिफारिश लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। ताकि उनके खिलाफ आसानी से गिरफ्तारी की कार्रवाई न हो सके। इससे एसआइटी पर आरोप लग रहे हैं कि हरिद्वार और देहरादून में गिरफ्तारी और जांच के अलग-अलग मानक अपनाए जा रहे हैं।

    बोले अधिकारी

    मंजूनाथ टीसी (प्रभारी एसआइटी) का कहना है कि एसआइटी की जांच निष्पक्षता के साथ जारी है। किसी कॉलेज संचालक का कोई दबाव नहीं है। कुछ पत्रवलियों की जांच होनी बाकी है। जल्द इस मामले में कार्रवाई होगी।

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