छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक अनुराग शंखधर अब एक और मामले में फंसे
छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक अनुराग शंखधर चमोली में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए निर्माण कार्य में गड़बड़ी में फंस गए हैं।
देहरादून, जेएनएन। छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में जेल गए उप निदेशक अनुराग शंखधर चमोली में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए निर्माण कार्य में गड़बड़ी में फंस गए हैं। चमोली के जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर जनजाति निदेशालय ने उनके खिलाफ शासन को विभागीय जांच की संस्तुति कर दी है। उन पर वन भूमि और निजी भूमि पर विभागीय भवन निर्माण कर लाखों रुपये ठिकाने लगाने के आरोप हैं।
जनजाति निदेशालय के उप निदेशक अनुराग शंखधर देहरादून, हरिद्वार के अलावा 2008 से पहले चमोली में भी जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात रहा। इस दौरान पगरासू में महिला कार्यशाला भवन स्वीकृत किया गया। यहां जिस भूमि पर भवन बनाया गया, उसकी रजिस्ट्री विभाग के नाम नहीं कराई गई। भवन बना तो इस पर कब्जा भी दानकर्ता गौर सिंह का है।
इससे भवन का उपयोग नहीं हो पा रहा है। इसी तरह जोशीमठ के रविग्राम में भी जनजाति के लिए रैन बसेरा बनाया गया। लाखों रुपये खर्च कर भवन वन भूमि पर बनाया गया। वन भूमि ट्रांसफर न होने से विवाद चल रहा है। दोनों भवन समाज कल्याण के कब्जे में न आने पर सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। इस मामले में चमोली के जिलाधिकारी ने भवन निर्माण के औचित्य पर सवाल खड़े करते हुए तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी और सहायक समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट शासन को भेजी। इसी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए जनजाति निदेशालय ने उक्त मामले में तत्कालीन समाज कल्याण रहे अनुराग शंखधर और सहायक समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की संस्तुति कर दी है।
बोले अधिकारी
बीआर टम्टा (निदेशक, जनजाति निदेशालय) का कहना है कि चमोली में जिला समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए शंखधर और एक अन्य अधिकारी द्वारा अनियमितता की बात सामने आई है। डीएम चमोली की रिपोर्ट के आधार पर विभागीय जांच की संस्तुति कर दी है। अब शासन ही इस मामले में निर्णय लेगा।
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