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    पितरों के प्रति श्रद्धा का पर्व श्राद्ध इस दिन से शुरू, जाने सभी तिथियां

    देवपूजा से पहले जातक को अपने पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए। पितरों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं। इस बार पित्र पक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहे हैं।

    By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 13 Sep 2019 05:02 PM (IST)
    पितरों के प्रति श्रद्धा का पर्व श्राद्ध इस दिन से शुरू, जाने सभी तिथियां

    देहरादून,  जेएनएन। हिंदू धर्म में वैदिक परंपरा के अनुसार अनेक रीति-रिवाज व व्रत-त्योहार हैं। इसी के तहत पित्रों का श्राद्ध भी किया जाता है। वैसे तो प्रत्येक मास की अमावस्या तिथि को श्राद्ध कर्म किया जा सकता है, लेकिन भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक पूरा पखवाड़े में श्राद्ध कर्म करने का विधान है। अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के इस पर्व को श्राद्ध कहते हैं। इस बार पित्र पक्ष 13 सितंबर से शुरू हो रहे हैं।

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    पौराणिक ग्रंथों में वर्णित किया गया है कि देवपूजा से पहले जातक को अपने पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए। पित्रों के प्रसन्न होने पर देवता भी प्रसन्न होते हैं। यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में जीवित रहते हुए घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान और मृत्योपरांत श्राद्ध कर्म किया जाता है। इसके पीछे यह मान्यता भी है कि यदि विधि-विधान के अनुसार पित्रों का तर्पण न किया जाए तो उन्हें मुक्ति नहीं मिलती और उनकी आत्मा मृत्युलोक में भटकती रहती है।

    ज्योतिषाचार्य पंडित वंशीधर नौटियाल ने बताया कि इस बार 11वां और 12वां श्राद्ध एक दिन में किया जाएगा, जबकि दूसरा श्राद्ध दो दिन है। पित्र पक्ष 28 सितंबर को संपन्न होगा। इस दिन उन दिवंगतों का भी श्राद्ध किया जाएगा, जिनकी तिथि याद नहीं रहती। जबकि 29 सितंबर से नवरात्र आरंभ होंगे और आठ अक्टूबर को विजय दशमी है।

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    इस तरह करें श्राद्ध

    • पूर्णिमा श्राद्ध - 13 सितंबर
    • प्रतिपदा श्राद्ध- 14 सितंबर
    • द्वितीया श्राद्ध- 15 सितंबर
    • तृतीया श्राद्ध- 17 सितंबर
    • चतुर्थी श्राद्ध- 18 सितंबर
    • पंचमी श्राद्ध- 19 सितंबर
    • षष्ठी श्राद्ध-  20 सितंबर
    • सप्तमी श्राद्ध- 21 सितंबर
    • अष्टमी श्राद्ध- 22 सितंबर
    • नवमी श्राद्ध-  23 सितंबर    
    • दशमी श्राद्ध-  24 सितंबर
    • एकादशी श्राद्ध- 25 सितंबर
    • द्वादशी  श्राद्ध- 25 सितंबर
    • त्रयोदशी श्राद्ध-  26 सितंबर
    • चर्तुदशी श्राद्ध-   27 सितंबर
    • पितृ विसर्जन- 28 सितंबर

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