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Board Meeting: शिफनकोट के बाशिंदों को हटाने से पहले किया जाए विस्थापित

शिफनकोट के बाशिंदों को हटाने से पहले उनको विस्थापित करने और प्रत्येक परिवार को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव पालिका बोर्ड की बैठक में पारित किया गया।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 06:41 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 06:41 PM (IST)
Board Meeting: शिफनकोट के बाशिंदों को हटाने से पहले किया जाए विस्थापित

मसूरी(देहरादून), जेएनएन। शिफनकोट में पर्यटन विभाग की भूमि पर रह रहे बस्तीवासियों को हटाने से पहले उनको विस्थापित करने और प्रत्येक परिवार को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने का प्रस्ताव पालिका बोर्ड की बैठक में पारित किया गया। इस प्रस्ताव को नगर पालिका सरकार और पर्यटन विभाग को भेजेगी।

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नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता की अध्यक्षता में शुक्रवार को पालिका सभागार में बोर्ड बैठक हुई। सभासद जसबीर कौर ओर गीता कुमाईं ने कहा कि नगरपालिका ने 2018 में शिफनकोट बस्ती की भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दी थी। ऐसे में बस्ती वासियों का विस्थापन भी पर्यटन विभाग को ही करना चाहिए। इस पर सभी सभासदों ने सहमति प्रदान की। 

सभासदों ने कहा कि पर्यटन विभाग हाथीपांव स्थित अपनी भूमि पर बस्तीवासियों को विस्थापित करे और सरकार विस्थापित होने वाले प्रत्येक परिवार को दो-दो लाख लाख रुपये मुआवजा दे। पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि प्रस्ताव राज्य सरकार और पर्यटन विभाग को भेजा जाएगा। स्थानीय विधायक गणेश जोशी से इन प्रस्तावों को सरकार से पास करवाने की अपील की जाएगी।

बैठक में विधायक प्रतिनिधि कुशाल राणा, पालिका अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती, नगर अभियंता रमेश बिष्ट, सभाषद जसबीर कौर, सरिता पंवार, सरिता देवी, जशोदा शर्मा, मनीषा खरोला, आरती अग्रवाल, प्रताप पंवार आदि शामिल रहे।

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मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने शिफनकोट बस्तीवासियों को बगैर विस्थापित किए न हटाने और प्रति परिवार तीन-तीन लाख रुपये देने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में पालिकाध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी को पत्र भेजा है। साथ ही नगर पालिका को सलाह दी है कि वह बस्तीवासियों को आइडीएच, हुसैनगंज, किंक्रेग आदि स्थानों पर अपनी जमीन पर विस्थापित कर सकती है।

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