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    उत्तराखंड में बदलेगा यूपीसीएल का सेवा चार्टर, अंतिम चरण में चल रहा काम

    By Bhanu Prakash SharmaEdited By:
    Updated: Wed, 13 May 2020 11:05 AM (IST)

    वर्ष 2007 में बने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन एक्ट में संशोधन की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके तहत कई मामलों की समय सीमा में बदलाव होगा।

    उत्तराखंड में बदलेगा यूपीसीएल का सेवा चार्टर, अंतिम चरण में चल रहा काम

    देहरादून, जेएनएन। वर्ष 2007 में बने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन एक्ट में संशोधन की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके तहत विद्युत कनेक्शन देने से लेकर ट्रांसफार्मर बदलने तक कि समयसीमा में भी बदलाव हो सकता है। वहीं, शिकायतों के निस्तारण में लगने वाले समय को भी कम करने की तैयारी है।

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    राज्य गठन के सात साल बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन एक्ट 2007 अस्तित्व में आया था। इसमें विद्युत उपभोक्ता सेवा से जुड़ी हर समस्या के निदान की अवधि निर्धारित कर दी गई थी। मगर इन तेरह वर्षो में बहुत कुछ बदल गया है। 

    यूपीसीएल तकनीकी रूप से सक्षम हुआ और उसके संसाधन भी बढ़े। ऐसे में आयोग अब नए सिरे से रेगुलेशन में बदलाव की तैयारी कर रहा है।

    तैयार हो चुका है ड्राफ्ट: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। अब इस ओर यूपीसीएल के अधिकारियों से लेकर आम उपभोक्ताओं की राय ली जानी है। अगर कोरोना संकट न आया होता तो आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया भी पूरी हो गई होती। अब यह प्रक्रिया लॉकडाउन खुलने के बाद पूरी होगी।

    लागू सेवा चार्टर एक नजर में 

    -आवेदन पत्र स्वीकृत होने के 30 दिन के भीतर नए विद्युत कनेक्शन जारी करना होता है।

    -कनेक्शन के लिए यदि पोल लगाना है तो इसकी समय सीमा 60 दिन है।

    -यदि ट्रांसफार्मर लगाना है तो 90 दिन के भीतर इसे पूरा करना होगा। वहीं, सब स्टेशन की स्थापना करनी पड़ती है तो 180 दिन में या काम पूरा करना होता है।

    -उपभोक्ताओं के विद्युत भार को कम करने या अधिक करने के आवेदन का निस्तारण 30 दिन के भीतर करना होता है।

    -ट्रांसफार्मर से फ्यूज उड़ने या लाइन टिप होने पर शहरी क्षेत्र में चार व ग्रामीण क्षेत्र में छह घंटे के भीतर ठीक करना होता है।

    -विद्युत पोल से कनेक्शन टूटने पर शहरी क्षेत्र में 6 घंटे क्षेत्र में 12 घंटे के भीतर जोड़ना होता है।

    -ट्रांसफार्मर के जल जाने की स्थिति में 48 घंटे के भीतर नया ट्रांसफार्मर लगाना होता है, लेकिन 8 घंटे के भीतर मोबाइल ट्रांसफार्मर लगाकर इलाके की आपूर्ति बहाल करना अनिवार्य है।

    -लो वोल्टेज की शिकायत आने पर 4 घंटे के भीतर उसका निस्तारण करना होता है।

    -विद्युत मीटर जलने पर 6 घंटे में आपूíत बहाल कर 3 दिन में मीटर बदलना अनिवार्य होता है।

    नए सिरे से हो रहा तैयार 

    यूईआरसी के उप निदेशक तकनीकी यशवर्धन डिमरी के अनुसार, यूपीसीएल के सेवा चार्टर का ड्राफ्ट नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। इस पर उपभोक्ताओं और अधिकारियों से राय ली जानी है। इसके बाद उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन जारी कर दिया जाएगा।

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    सेवा में खामी होने पर यहां करें शिकायत

    -यूपीसीएल की हेल्पलाइन नंबर 1912 पर शिकायत कर सकते हैं।

    -तय समय में शिकायत का निस्तारण नहीं होने पर उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में लिखित आवेदन करें।

    -यहां भी समस्या का समाधान नहीं होने पर लोकपाल विद्युत के यहां शिकायत की जा सकती है।

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