चेक बाउंस में महिला को तीन माह के कठोर कारावास की सजा Dehradun News
चेक बाउंस होने के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने एक महिला को तीन माह के कठोर कारावास और तीन लाख 32 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई।
ऋषिकेश, जेएनएन। चेक बाउंस होने के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने एक महिला को तीन माह के कठोर कारावास और तीन लाख 32 हजार रुपये अर्थदंड देने की सजा सुनाई। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश पूर्व में ही सजा सुना चुके हैं, जिसे महिला ने ऊपरी अदालत में चुनौती दे थी।
जानकारी के मुताबिक इस मामले में बीके सहाय पुत्र रामगोपाल सहाय निवासी आइडीपीएल वीरभद्र ऋषिकेश ने इंदु पत्नी राजबल्लभ निवासी आइडीपीएल ऋषिकेश के खिलाफ वाद दायर किया था। वाद के मुताबिक बीके सहाय के इंदु से घरेलू संबंध थे। वह उससे समय-समय पर अपने निजी कार्यों के लिए पैसे उधार मांगती थीं और लौटा भी देती थीं।
आरोप था कि 15 जनवरी 2013 को इंदु ने डेढ़ लाख रुपये यह कहकर मांगे कि वह जुलाई में वापस कर देंगी। इसके बाद 30 मार्च 2013 को फिर से इंदु ने एक लाख 70 हजार रुपये मांगे। यह तीन लाख 20 हजार की रकम जुलाई 2013 में लौटाने का आश्वासन दिया था।
आरोप है कि इंदु ने तय समय पर पैसे नहीं लौटाए। अगस्त 2016 में इंदु ने तीन लाख 20 हजार का चेक बीके सहाय को दिया, जो बैंक ने खाते में पैसे न होने के कारण लौटा दिया।
इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश ने 26 मार्च 2017 को इंदु को दोषी पाते हुए एक वर्ष का कठोर कारावास और तीन लाख 32 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इस फैसले के को चुनौती देते हुए इंदु ने प्रथम अपर सत्र न्यायालय ऋषिकेश में याचिका दायर की थी।
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प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता इंदु को संबंधित मामले में दोषी पाया। न्यायालय ने इंदू को तीन माह के कठोर कारावास व तीन लाख 32 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड में से दो हजार रुपये की धनराशि राज्य के पक्ष में जमा की जाएगी। अर्थदंड अदा न करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।