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    समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए विज्ञान का इस्तेमाल

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sat, 16 Feb 2019 08:31 AM (IST)

    भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के निदेशक डॉ प्रकाश चौहान ने कहा कि विज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए।

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    समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए विज्ञान का इस्तेमाल

    देहरादून, जेएनएन। डीआइटी यूनिवर्सिटी में 'साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कॉमर्स एंड सोसाइटी' विषय पर तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान का उपयोग समाज के कल्याण के लिए होना चाहिए। भावी पीढ़ी को संरक्षण का महत्व समझाते हुए उन्होंने वैकल्पिक स्रोत अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने जियो स्पैटियल टेक्नोलॉजी पर भी विस्तार से बात की। 

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    आइआइआरडीई के पूर्व निदेशक डॉ. एसएस नेगी ने विजन सेंसर पर जानकारी दी। उन्होंने नाइट विजन से लेकर सर्विलांस डिवाइस और आपदा बचाव कार्यों के दौरान इस्तेमाल में आने वाले उपकरणों के बारे में बताया। 

    आइआइपी के निदेशक डॉ. अंजन रे ने बायो डीजल पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह कचरे से बायो डीजल तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह बहुत किफायती भी है। इसके बाद सतत विकास पर एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। जिसमें गढ़वाल विवि के पूर्व कुलपति प्रो. एएन पुरोहित, कुमाऊं विवि के पूर्व कुलपति डॉ. बीके जोशी, उत्तराखंड सेवा निधि के संस्थापक डॉ. ललित पांडे व आइआइएम काशीपुर के पूर्व डीन-एकेडमिक्स प्रो. सोमनाथ घोष शामिल हुए। 

    इससे पहले विवि के कुलपति और सम्मेलन के समन्वयक डॉ. केके रैना ने अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान चेयरमैन के मुख्य सलाहकार डॉ. आरसी गोयल, चांसलर रवि शंकर, प्रति कुलपति ब्रिगेडियर एम श्रीनिवासन आदि उपस्थित रहे।

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