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री-एडमिशन के नाम पर उगाही करते हैं स्कूल, पढ़िए पूरी खबर

अधिकांश निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है। अधिकांश निजी स्कूलों ने अब एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने के लिए दोबारा प्रवेश को लूट खसोट का फंडा अपना लिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 01:17 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:44 PM (IST)
री-एडमिशन के नाम पर उगाही करते हैं स्कूल, पढ़िए पूरी खबर
री-एडमिशन के नाम पर उगाही करते हैं स्कूल, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। एक ही स्कूल में किसी छात्र का क्या बार-बार दाखिला होते देखा है, नहीं न। लेकिन, शहर के प्राइवेट स्कूल कमाई के लिए यह कारनामा भी कर रहे हैं। निजी स्कूल पुन: प्रवेश के इस नायाब तरीके से प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में स्कूल अभिभावकों से कर रहे जमकर वसूली। 

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शहर के अधिकांश निजी स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है। तरह-तरह के मद में उगाही के लिए बदनाम अधिकांश निजी स्कूलों ने अब एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने के लिए पुन: प्रवेश को लूट-खसोट का नया फंडा बना लिया है। हर साल मां-बाप पर कॉपी-किताबों और यूनिफार्म आदि का बोझ तो पड़ता ही है, लेकिन निजी स्कूल वसूली के अन्य तरीके भी तलाशते रहते हैं। 

अभिभावकों को उसी स्कूल में बच्चे के दोबारा दाखिले के लिए भी बाध्य किया जा रहा है। कहीं हर साल दोबारा प्रवेश की व्यवस्था है, तो कहीं जूनियर से सीनियर विंग में जाने पर री-एडमिशन। प्रत्येक साल अभिभावकों को यह अतिरिक्त भार उठाना पड़ रहा है। अब तक व्यवस्था यह थी कि एक बार बच्चे का दाखिला कराया और फिर छुट्टी। लेकिन, स्कूलों ने इसमें भी अपने हिसाब से परिवर्तन कर लिया है। 

स्कूल को कई विंग में बांट दिया गया है, प्री प्राइमरी विंग, प्राइमरी विंग, जूनियर विंग, मिडिल स्कूल और सीनियर विंग। कुल मिलाकर एक ही स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई के लिए कई बार प्रवेश लेना पड़ता है। हर बार वही खर्च और औपचारिकताएं निभानी पड़ती हैं। स्कूलों की इस मनमानी से अभिभावक त्रस्त हैं और शिक्षा महकमा है कि इन पर कार्रवाई की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहा। जबकि इसे लेकर स्पष्ट नियम हैं। 

किसी भी तरह की कैपिटेशन फीस, डोनेशन, वार्षिक शुल्क, रिएडमिशन फीस आदि की मनाही है। इधर, मुख्य शिक्षाधिकारी आशारानी पैन्यूली का कहना है कि इन स्कूलों के खिलाफ अभिभावक शिकायत तक देने में संकोच कर रहे हैं। नया सत्र शुरू हुए कई दिन बीत गए हैं, पर ताज्जुब ये यह कि अभी तक एक ही शिकायत आई है। उसमें भी अभिभावक ने नाम गुप्त रखने का अनुरोध किया है। किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। 

दाखिले पर मूल दस्तावेज जमा 

शिक्षा विभाग शिकायत के इंतजार में है और निजी स्कूल मनमानी पर आमादा। वे तरह-तरह से अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं। उन्हें किसी का भी खौफ नहीं और अपने ही नियम बना रहे हैं। तुर्रा ये कि नियम मानना है तो ठीक, वरना कहीं और दाखिला ले लें। प्रवेश पर वे मूल दस्तावेज तक जमा करा रहे हैं। एक अभिभावक ने फोन कर बताया कि उन्होंने बेटी का दाखिला कक्षा एक में कराया है। स्कूल ने उसका मूल जन्म प्रमाण पत्र जमा करा लिया है। एतराज करने पर उनसे कहा गया कि दाखिला कहीं और करा लें। इस पर मुख्य शिक्षाधिकारी का कहना है कि मूल दस्तावेज जमा करना गलत है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।

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