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    अब बस्ते के भार में नहीं खोएगा बचपन, कक्षा एक और 12वीं तक इतने किलो से ज्‍यादा नहीं होगा बैग का वजन

    उत्तराखंड में राजकीय अशासकीय और पब्लिक स्कूलों के लिए बस्ते का भार तय कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 12वीं तक के छात्रों के बस्ते के भार की गाइडलाइन जारी की है जो केंद्र सरकार की स्कूल बैग पॉलिसी-2020 पर आधारित है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने बताया कि नियमों का पालन न करने वाले विद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी।

    By Ashok Kumar Edited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 07 May 2025 07:11 PM (IST)
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    School Bag Weight: कक्षा-एक और दो में 2.2 किलो से अधिक नहीं होगा बस्ते का भार. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, देहरादून। School Bag Weight: कक्षा-एक और दो में बस्ते का भार 2.2 किलो से अधिक नहीं होगा। शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से 12वीं तक के छात्रों का बस्ते का पूर्व से तय भार की गाइडलाइन जारी की। कहा राजकीय, अशासकीय और पब्लिक स्कूलों में तय बस्ते का भार नियम लागू होगा।

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    माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि इस संदर्भ में 22 अगस्त,2024 को शासनादेश जारी किया था। इसके अलावा केंद्र सरकार की ओर से प्रसारित स्कूल बैग पालिसी-2020 निर्धारित की गई थी। लेकिन संज्ञान में आ रहा है कि कई राजकीय, अशासकीय और सीबीएसई अैर आइसीएसई बोर्ड के तहत संचालित कई निजी विद्यालय उक्त शासनादेश का अनुपालन नहीं कर रहे है।

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    एक वर्ष में 10 बस्ता रहित दिवस

    निदेशक ने सभी विद्यालयों को एक वर्ष में 10 बस्ता रहित दिवस का भी पालन करने के निदेश दिए। इस शिक्षा व्यवस्था को अतिरिक्त भारत के रूप में न देखते हुए सीखने-सिखाने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाया जाए। इससे व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान के बीच का अंतर कम होगा। साथ ही बच्चे वास्तविक कार्यक्षेत्र के लिए आवश्यक कौशलों से परिचित हो सकेंगे और भावी करियर का बेहतर चुनाव कर सकेंगे।

    बस्ते के भार में खो गया बचपन

    देखने में आता है कि कक्षा-एक और दो के नौनिहाल बस्ते के बोझ तले दबे रहते हैं। पांच से सात किलोग्राम बस्ते क बोझ उठाए कई नौनिहाल तो पैदल ही स्कूल जाते देखे जा सकते हैं।

    राजकीय विद्यालयों में यदि छात्र सभी किताबों को लेकर नहीं आता है तो शिक्षक दूसरी किताब से पढ़ने को कह देते है लेकिन निजी सभी पीरियट की किताबें और नोटबुक लेकर जाना अनिवार्य होता है। हालांकि कुछ प्ले ग्रुप तक के निजी विद्यालय छोटे बच्चों की कुछ कापियां स्कूल में ही जमा कराते हैं और हर रोज कक्षा शुरू होने पर देते हैं।

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    कक्षा और बस्ते का वजन

    • कक्षा-1 और 2 के लिए 1.6 से 2.2 किलो
    • कक्षा-3 से 5 के लिए 1.7 से 2.5 किलो
    • कक्षा 6 और 7 के लिए दो से तीन किलो
    • कक्षा- 8 के लिए 2.5 से चार किलो
    • कक्षा 9 एवं 10 के लिए 2.5 से 4.5 किलो
    • कक्षा 11 एवं 12 के लिए 3.5 से पांच किलो

    बस्तों के वजन की जांच के लिए शिक्षा विभाग जनपद स्तर पर कमेटी का गठन करेगा। जो समय-समय पर स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। टीम वेट मशीन के माध्यम से बस्ते का वेट लेगी। यदि किसी विद्यालय में मानक के अनुरूप बस्ते का वजन ज्यादा पाया गया तो उस विद्यालयों को नोटिस जारी किया जाएगा स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर विभाग संबंधित विद्यालय की मान्यता एवं एनओसी प्रत्याहरण की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।

    - डा.मुकुल कुमार सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा