शिक्षा के लिए 1054 करोड़ बजट प्रस्ताव मंजूर, अब सुधरेंगे हालात
कक्षा एक से लेकर 12वीं तक सरकारी स्कूलों की दशा-दिशा में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर छात्रों-अभिभावकों का भरोसा हासिल करने के लिए फिर केंद्र सरकार पर टकटकी बांधी गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक सरकारी स्कूलों की दशा-दिशा में सुधार, शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर छात्रों और अभिभावकों का भरोसा हासिल करने के लिए फिर केंद्र सरकार पर टकटकी बांधी गई है। अपने सीमित संसाधनों के बूते शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में खुद को बेबस पा रही राज्य सरकार को यह उम्मीद भी है कि चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र से भरपूर मदद मिलेगी। इस उम्मीद के साथ समग्र शिक्षा अभियान की कार्ययोजना और करीब 1054.18 करोड़ के बजट प्रस्ताव को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को कार्यकारिणी समिति की बैठक में मंजूरी दी गई।
केंद्र सरकार बीते वित्तीय वर्ष 2018-19 से प्राथमिक से माध्यमिक स्तर तक तीन केंद्रपोषित योजनाओं सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान और शिक्षक शिक्षा को मिलाकर समग्र शिक्षा अभियान का रूप दे चुकी है। इसके साथ ही उक्त तीनों योजनाओं के लिए अलग-अलग बजट की व्यवस्था भी खत्म की जा चुकी है। उत्तराखंड के लिए कक्षा एक से 12वीं तक एकीकृत बजट ही केंद्र सरकार स्वीकृत कर रही है।
वर्ष 2019-20 के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड में समग्र शिक्षा अभियान के प्रस्तावित बजट को रखा जाएगा। बोर्ड की बैठक आठ मई को दिल्ली में प्रस्तावित है। यूं तो बजट प्रस्ताव को समग्र शिक्षा अभियान की कार्यकारिणी समिति में मंजूरी दी जा चुकी है, लेकिन एमएचआरडी के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर इसमें संशोधन भी किया जा सकेगा। इस संबंध में तैयारी के लिए अभियान से जुड़े शिक्षा महकमे के अधिकारी दिल्ली रवाना हो चुके हैं।
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