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    युवाओं को करना चाहिए महापुरुषों का अनुकरण, स्वामी रामतीर्थ विराट वेदांत सम्मेलन में बोले संत स्वामी योगेश्वरानंद

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Sun, 29 May 2022 03:57 PM (IST)

    स्वामी रामतीर्थ मिशन की ओर से कुठालगेट स्थित स्वामी रामतीर्थ मिशन आश्रम में आयोजित सम्मेलन में संत स्वामी योगेश्वरानंद ने कहा कि गीता के अनुसार आत्मा नित्य और शाश्वत है। आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते इसको आग नहीं जला सकती जल नही गला सकता और वायु नहीं सुखा सकती।

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    स्वामी रामतीर्थ मिशन की ओर से कुठालगेट स्थित स्वामी रामतीर्थ मिशन आश्रम में आयोजित सम्मेलन में प्रवचन करते संत।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : युवा वर्ग को महापुरुषों का अनुसरण करना चाहिए। स्वामी रामतीर्थ के साहित्य को पढ़कर व्यक्ति अपने को आदर्श बना सकता है। 83वें स्वामी रामतीर्थ विराट वेदांत सम्मेलन एवं साधना केंद्र सप्ताह में मध्य प्रदेश से पहुंचे संत स्वामी योगेश्वरानंद ने प्रवचन के दौरान यह बातें कही। इस सात दिवसीय सम्मेलन का समापन आज यानी रविवार को होगा।

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    स्वामी रामतीर्थ मिशन की ओर से कुठालगेट स्थित स्वामी रामतीर्थ मिशन आश्रम में आयोजित सम्मेलन में शनिवार को छठे दिन संत स्वामी योगेश्वरानंद ने कहा कि गीता के अनुसार, आत्मा नित्य और शाश्वत है। आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, जल नही गला सकता और वायु नहीं सुखा सकती। मिशन के अध्यक्ष ललित कुमार मल्होत्रा ने कहा कि संत स्वामी रामतीर्थ और विवेकानंद जैसे महापुरुषों ने समाज को एक दिशा दी। महापुरुषों ने ङ्क्षहदू धर्म और आध्यात्मिकचेतना को पूरे विश्व में फैलाया। मानव मात्र के लिए स्वामी रामतीर्थ के व्यावहारिक वेदांत को समझना चाहिए। मनुष्य जो भी कर्म करता है, वही आगे चलकर उसके जीवन में आता है। ऐसे में ईश्वर पर विश्वास कर ङ्क्षचतन करना चाहिए। इस मौके पर आश्रम के प्रबंधक राजेश पैन्यूली, अमरीश ओबराय, सुनीता, कुलभूषण ओबराय, रविराज आनंद आदि उपस्थित रहे।

    श्रवण प्रथम और कीर्तन है दूसरी भक्ति

    तिलक रोड स्थित कालिका माता मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक संत दीनबंधु महाराज ने सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि श्रवण प्रथम भक्ति है और कीर्तन दूसरी। इसलिए हरि कथा का हमेशा श्रवण करना चाहिए।

    नित्य लीला में लीन बालयोगी सर्वदास महाराज के वार्षिक उपासना पर्व पर मंदिर प्रांगण में कथा के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए संत दीनबंधु महाराज ने भागवत रचना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महर्षि वेदव्यास ने द्वापर युग के अंत में भागवत की रचना नारद के कहने के बाद की और सुखदेव को इसका अध्ययन भी कराया। इस दौरान 'मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने..., राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी..., मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है..., आशा रख पगली वो आएंगे...,Ó आदि भजनों पर श्रद्धालु खूब झूमे। इस मौके पर ट्रस्टी गगन सेठी, रमेश साहनी, दयाल धवन, रामस्वरूप भाटिया, उमेश मिनोचा, अशोक लांभा, नरेश मैनी, भारत भूषण शर्मा, सतीश कक्कड़, प्रतीक मैनी, केवल आनंद, शशि तलवार, जय किशन कक्कड़, संजय आनंद, मोहित बांगा आदि मौजूद रहे।

    श्रद्धा के बिना भक्ति प्रबल नहीं हो सकती

    भगवान शिव विश्वास और माता पार्वती श्रद्धा के समान है। जहां श्रद्धा और विश्वास न हो वहां भक्ति प्रबल नहीं हो सकती। भगवान के प्रति जितनी श्रद्धा होगी उतनी ही गहरी भक्ति फलीभूत होगी। भवसागर पार करने के लिए श्रीराम कथा रूपी नौका में सवार होना पड़ेगा। पटेलनगर स्थित श्री श्याम सुंदर के 39वें मूर्ति स्थापना दिवस पर आयोजित श्रीराम कथा में प्रवचन करते हुए नित्यानंद दास महाराज ने यह बातें कही।

    श्री सनातन धर्म सभा की ओर से पटेलनगर स्थित श्री श्याम सुंदर मंदिर में नौ दिवसीय श्रीराम कथा गणपति और सरस्वती वंदना के साथ शनिवार से शुरू हो गई। बरसाना धाम से पधारे नित्यानंद दास महाराज ने कहा कि बुद्धि के देवता भगवान गणेश हमें अपने विवेक से सफल जीवन जीने की कला सिखाते हैं। कहा कि कई जन्मों का पुण्य जब फलीभूत होता है तो उसके बाद ही आध्यात्मिक मार्ग की ओर से जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस मौके पर मंदिर समिति के प्रधान अवतार मुनियाल, महामंत्री गोङ्क्षवद मोहन, भूपेंद्र चड्डा, मनोज सूरी, गौरव कोहली, चंद्र मोहन आनंद, ओम प्रकाश सूरी, विनोद भाटिया आदि मौजूद रहे।

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    प्रेमनगर में चैतन्य रथ का भक्तों ने किया स्वागत

    सहजयोग परिवार की संस्थापिका माता निर्मला देवी का चैतन्य रथ प्रेमनगर स्थित दुर्गा मंदिर में पहुंचने पर भक्तों ने भव्य स्वागत किया। इस दौरान क्षेत्र में साधकों ने सहजयोग और आत्म साक्षात्कार का अनुभव लिया।

    सहजयोग परिवार उत्तराखंड के तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय रथ यात्रा के तीसरे दिन शनिवार को दुर्गा मंदिर में कुंडलिनी जागरण द्वारा आत्म साक्षात्कार को लेकर कार्यक्रम हुआ। परिवार के केंद्र समन्वयक मंगल स‍िंह तोमर ने बताया कि कार्यक्रम में भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। आज की भागदौड़ भरी ज‍िंदगी में तनाव से ग्रसित मनुष्य भी सहयोग के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि रविवार को माता का चैतन्य रथ किशननगर चौक स्थित आत्माराम धर्मशाला जबकि 30 मई को नेहरू कालोनी में कार्यक्रम होगा। इस मौके पर पीएस पाल, राजेंद्र बिष्ट, हेमा चुफाल, सुनील, आयुषी बिष्ट, हरिओम शर्मा, दिनेश कश्यप, विनय आदि मौजूद रहे।

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