लग्जरी कारों से भी महंगा है 'रुस्तम', डाइट पर खर्च जान रह जाएंगे हैरान
रुस्तम भैंसा देहरादून में आयोजित दून अंतरराष्ट्रीय कृषि एवं डेयरी मेले में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। वहीं लाडो भैंस भी पशुपालकों को खूब आकर्षित कर रही है।
देहरादून [जेएनएन]: लग्जरी कारों के बारे में तो आपने अक्सर सुना होगा, जिनकी कीमत करोड़ों में होती है। लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो आपको हैरान जरूर कर देगा। यहां हम बात किसी लग्जरी गाड़ी की नहीं बल्कि पशुओं की कर रहे हैं। लग्जरी कारों से भी महंगा है पांच फीट 11 इंच की ऊंचाई वाला अंतरराष्ट्रीय चैंपियन 'रुस्तम' (भैंसा)। रुस्तम के मालिक ने उसे 11 करोड़ रुपये में बेचने से भी इन्कार कर दिया। वहीं, सर्वाधिक दुग्ध क्षमता में रिकॉर्ड बना चुकी 'लाडो' भैंस भी पशुपालकों को खूब आकर्षित कर रही है। चैंपियन रुस्तम और लाडो को अगर छोड़ दें तो कम उम्र के 'सोनू', 'सुल्तान' और 'राजा' भी हर तरफ चर्चा में हैं।
'दून अंतरराष्ट्रीय कृषि एवं डेयरी मेले' में पहुंचे गतौली (हरियाणा) के दलेल सिंह ने बताया कि 'रुस्तम' नवीं राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप का खिताब जीत चुका है। रुस्तम के नाम अंतरराष्ट्रीय 'स्मार्टेस्ट बफैलो' का खिताब भी है। बताया कि 'रुस्तम' के सीमेन (वीर्य) की सभी राज्यों में डिमांड है। इसके सीमेन से तैयार डोज से पैदा हुई कटड़ी की न्यूनतम दूध देने की क्षमता 20 लीटर प्रतिदिन है। इसके एक कटड़े का मूल्य 10 लाख तक है।
11 करोड़ में भी बेचने को नहीं है तैयार
रुस्तम के मालिक दलेल सिंह बताते हैं कि ब्राजील और डेनमार्क ने रुस्तम की कीमत 11 करोड़ रुपये आंकी है, लेकिन वे रुस्तम को बेचने को तैयार नहीं है। उन्होंने बताया कि मुर्रा नस्ल के रुस्तम को सर्वोतम पशुधन के लिए पीएम भी सम्मानित कर चुके हैं।
लाडो के नाम है ये रिकॉर्ड
स्वामी प्रदीप ने बताया कि लाडो के नाम 26 लीटर प्रतिदिन रिकॉर्ड दूध देने का खिताब है। यह रिकॉर्ड सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ बफैलो में दिया गया है। लाडो के कटड़ी की दूध देने की क्षमता न्यूनतम 20 से 21 लीटर प्रतिदिन है।
अगला चैंपियन बनेगा 'सोनू'
हिसार (हरियाणा) से आए सुरेंद्र मलिक ने बताया कि अभी सोनू (भैंसा) की उम्र महज चार साल है। इसकी ऊंचाई पांच फीट आठ इंच है। अगले छह महीने में सोनू नेशनल चैंपियनशिप का मजबूत दावेदार होगा।
1.2 लाख की डाइट लेता है रुस्तम
दलेल सिंह ने बताया कि रुस्तम को रोजाना 12 किलो डाइट दी जाती है। इसके एक महीने के खाने का खर्चा करीब एक लाख 20 हजार रुपये है। इसमें दो किलो बिनोला, दो किलो चना चूरा, दो किलो गेहूं का दलिया, आधा किलो गेहूं आटा, मिनरल मिक्सचर, हफ्ते में तीन दिन आधा किलो गुड़, महीने में चार से पांच दिन एक किलो घी देते हैं। इसे वातानुकूलित स्थान पर रखते हैं।
मिलावटी दूध के खिलाफ मुहिम भी
बाजार में आ रहे मिलावटी दूध पर पशुपालकों ने चिंता जताई है। बताया कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वो उच्च नस्लों के भैंसों के सीमन से तैयार डोज को जरूरतमंद को सस्ती दर पर भी देते हैं। उनका मकसद यह है कि डेयरी फार्म व्यवसाय को बढ़ावा मिले और शुद्ध दूध हर घर तक पहुंचे।
अंतरराष्ट्रीय मेले का दून में आगाज
देहरादून के परेड ग्राउंड में तीन दिवसीय दून कृषि एवं डेयरी मेले का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को शुभारंभ किया। सीएम ने कहा कि इस तरह के अंतरराष्ट्रीय आयोजन से प्रदेश में डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने का प्रयास है। यहां विभिन्न राज्यों से आए उच्च नस्ल की भैंस, गाय, बकरी की प्रदर्शनी लगाई गई है।
इससे पशुपालकों को आवश्यक जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी। सीएम ने कहा कि प्रदेश में डेयरी व्यवसाय की अपार संभावनाएं हैं। लेकिन, प्रदेश को आज दूसरों पर निर्भर होना पड़ रहा है। मेले का मुख्य मकसद प्रदेश में डेयरी व्यवसाय को प्रेरित करना है।
भैंस-गायों की दूध क्षमता का रिकॉर्ड आज: मेले के दूसरे दिन भैंस व गायों की दूध देने की क्षमता का रिकॉर्ड लिया जाएगा। इस रिकॉर्ड में दर्ज हुई दूध की क्षमता के आधार पर ही इन्हें रैंक दी जाएगी। सर्वाधिक क्षमता वाली भैंस व गाय चैंपियन बनेगी। वहीं, भैंसों के लिए भी प्रतियोगिता होगी।
रमेश की बछिया रही विजेता
पहले दिन पांच विभिन्न श्रेणियों में हुई प्रतियोगिता में गाय की बछिया एक वर्ष वर्ग में हरियाणा के राजकुमार की बछिया प्रथम, देहरादून के अनुज गर्ग की बछिया द्वितीय व शिवकुमार थापा की बछिया तृतीय रही। एक वर्ष से अधिक वर्ग में देहरादून के गुलजार, राजकुमार, हरियाणा के राजकुमार, डाइ गाय नस्ल में हरियाणा के रमेश, देहरादून के सुरेंद्र नेगी, एक वर्ष से अधिक देशी गाय की बछिया वर्ग में देहरादून के शिव थापा,हरियाणा के प्रदीप कुमार,करनाल के राजकुमार, शिव सिंह क्रमश: पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।
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