Move to Jagran APP

Russia Ukraine News: दून के मनीष थापा ने बताई आपबीती, कहा- 20 किमी पैदल चला; दो दिन लगे रोमानिया में दाखिल होने में

Russia Ukraine News आपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को यूक्रेन से सकुशल निकाला जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार यूक्रेन से अपने घर देहरादून पहुंचे मनीष थापा ने आपबीती बयां की। कहा रोमानिया बार्डर में दाखिल होने में उसे दो दिन लगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 03 Mar 2022 10:09 AM (IST)Updated: Thu, 03 Mar 2022 10:09 AM (IST)
आपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को यूक्रेन से सकुशल निकाला जा रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Russia Ukraine News: दो माह पहले ही यूक्रेन पहुंचा था, तब वहां सब कुछ सामान्य था। फिर 24 फरवरी की सुबह नींद खुली तो पता चला कि युक्रेन पर रूस ने हमला कर दिया है। तुरंत लवीव में रह रहे अपने मित्रों से संपर्क किया। उसी रात मित्रों के साथ बस से इवानो पहुंच गया और वहां अपने कालेज के हास्टल में शरण ली। इस बीच भारतीय दूतावास से एडवाइजरी जारी की गई कि किसी तरह रोमानिया बार्डर पहुंचे। 26 फरवरी को कुछ पुराने छात्रों की मदद से रोमानिया जाने के लिए बस बुक की।

loksabha election banner

रोमानिया बार्डर से पहले वाहनों का लंबा जाम लगा होने और सड़क पर अफरातफरी के कारण बस चालक ने 20 किलोमीटर पहले ही उतार दिया। ऐसे में 20 किलोमीटर पैदल चल कर रोमानिया बार्डर पहुंचे। बार्डर पर रोमानिया में प्रवेश के लिए जिद्दोजहद करनी पड़ी। वहां पहले यूक्रेन के निवासियों को बार्डर पार कराया जा रहा था। यह कहना है तमाम परेशानियों से जूझते हुए बुधवार सुबह यूक्रेन से अपने घर पहुंचे दून के मनीष थापा का।

मनीष की आंखों में अब भी यूक्रेन में रूस की तरफ से हो रही भीषण बमबारी का खौफ देखा जा सकता है। क्लेमेनटाउन में टर्नर रोड पर रहने वाले नवीन थापा और कमला थापा के पुत्र मनीष यूक्रेन के इवानो शहर में इवानो फ्रांसिस यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। नवीन थापा सेना में सूबेदार हैं और वर्तमान में पंजाब में तैनात हैं। दून पहुंचने के बाद मनीष ने दैनिक जागरण के साथ आप बीती साझा की। उन्होंने बताया कि कई भारतीय छात्र व अन्य नागरिक अब भी वहां फंसे हुए हैं। भीषण बमबारी से जूझ रहे यूक्रेन में अब खाने-पीने के सामान का संकट भी खड़ा हो गया है। एटीएम भी काम नहीं कर रहे। भारतीय दूतावास की ओर से कहा जा रहा है कि किसी तरह बार्डर पर पहुंच जाएं, मगर समस्या यह है कि बमबारी के खौफ और पैसों व यातायात सुविधा के अभाव में बार्डर तक कैसे पहुंचें।

मनीष ने बताया कि बार्डर पर दूसरे देशों में भी आसानी से प्रवेश नहीं दिया जा रहा। जब वह रोमानिया बार्डर पहुंचे तो वहां पहले यूक्रेन के नागरिकों को बार्डर पार कराया जा रहा था। ऐसे में यूक्रेन के बार्डर से रोमानिया पहुंचने में उन्हें दो दिन लग गए। इस दौरान बर्फबारी और कड़ाके की ठंड का सामना करना भी किसी जंग से कम नहीं था। कई घंटे तक भूख-प्यास से भी लड़ना पड़ा। रोमानिया पहुंचने पर शेल्टर होम में शरण मिली। वहां से उन्होंने 28 फरवरी को भारत सरकार की ओर से मिशन गंगा के तहत भेजे गए जहाज में अपने वतन के लिए उड़ान भरी। इस सफर में उनके साथ उत्तराखंड के तीन लोग और भी थे। इनमें रुड़की के दो छात्र और देहरादून के एक व्यापारी थे। उनकी फ्लाइट एक मार्च को दोपहर ढाई बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंची। वहां से चारों लोग एक कार बुक कर देहरादून पहुंचे। मनीष ने बताया कि जब वह यूक्रेन में थे तो स्वजन से मुश्किल से बात हो पा रही थी।

यह भी पढ़ें:- Russia Ukraine News: यूक्रेन में मारे गए भारतीय छात्र के साथी ने बयां किया वहां का मंजर, कहा- गोलीबारी में गई उसकी जान


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.