ये है रोडवेज की सुपर डीलक्स वाल्वो, नाक पर रूमाल रखकर करना पड़ता है सफर
रोडवेज की सुपर डीलक्स वाल्वो बसों की हालत खस्ताहाल है एवं यात्रियों को आराम तो दूर बल्कि मुंह व नाक पर हाथ-रूमाल रखकर बसों में सफर करना पड़ रहा।
देहरादून, जेएनएन। यात्रियों से महंगा किराया लेकर आरामदायक सफर देने का दावा करने वाले रोडवेज की वाल्वो बसों में यात्रियों से खुलकर धोखा हो रहा। ट्रेन के सेकंड क्लास एसी के टिकट बराबर किराए वाली सुपर डीलक्स वाल्वो बसों की हालत खस्ताहाल है एवं यात्रियों को आराम तो दूर बल्कि मुंह व नाक पर हाथ-रूमाल रखकर बसों में सफर करना पड़ रहा। बसों में सीटों के पुश-बैक एवं क्लैंप भी टूटे पड़े हैं और फ्रंट शीशे तक चटके हुए। वाल्वो में गंदगी व दुर्गंध से परेशान यात्रियों ने बुधवार को सीएम पोर्टल व रोडवेज प्रबंध निदेशक को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई।
उत्तराखंड परिवहन निगम दस साल से अनुबंध पर सुपर डीलक्स वाल्वो बसों का संचालन कर रहा है। पहले रॉयल क्रूजर के पास यह अनुबंध था, लेकिन अब निगम ने तीन ट्रांसपोर्टरों से अनुबंध किया हुआ है व इनमें सबसे बड़ा अनुबंध दिवंगत कारोबारी पोंटी चड्ढ़ा की कंपनी से है। चड्ढा कंपनी की करीब 30 वाल्वो बसें अनुबंध पर चल रहीं हैं और मौजूदा वक्त में सभी बसें बेहद खटारा हालात में हैं। दिल्ली, गुडग़ांव समेत चंडीगढ़ व हल्द्वानी मार्गों पर दौड़ रहीं उक्त कंपनी की वाल्वो बसों में गंदगी और दुर्गंध से यात्रियों का सांस लेना मुश्किल हो रहा।
ताजा मामला बुधवार को चंडीगढ़ से दून आ रही वाल्वो (यूके07-पीए-2421) बस का है। दून के राजपुर निवासी समाजसेवी एसपी शर्मा भी इस बस में सवार थे। शर्मा ने बताया कि चंडीगढ़ बस अड्डे पर टिकट लेकर जब वे बस में चढ़े तो बस में गंदगी फैली हुई थी। सीटों के कवर फटे हुए और मैले थे। सीटों पर पानी की बोतल रखने के क्लैंप टूटे हुए थे। यही नहीं बस का सामने वाला शीशा भी कई जगह चटका हुआ था। शर्मा ने परिचालक से शिकायत की, लेकिन परिचालक ने बस अनुबंधित होने की बात कहकर पल्ला झाड़ दिया। इस पर शर्मा ने सीएम पोर्टल व रोडवेज प्रबंध निदेशक को ऑनलाइन शिकायत भेजी।
परिचालकों से रोज हो रहे विवाद
महंगा किराया देकर आरामदायक सफर की आस में वाल्वो में सफर कर रहे यात्री जब टूटी व मैली सीटों पर सफर कर रहे तो उनका परिचालकों से रोजाना विवाद हो रहा है। सभी रूटों पर खराब दशा में दौड़ रहीं वाल्वो बसों के परिचालक लगातार वापस लौटने पर बसों की दशा की शिकायत दर्ज करा रहे। कई परिचालकों ने तो वाल्वो पर ड्यूटी देने से इन्कार कर दिया है।
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जल्द बदली जाएंगी 20 वाल्वो
रोडवेज के प्रबंध निदेशक रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि जो वाल्वो बसें दशा में खराब हो चुकी हैं, उन्हें जल्द मार्गों से हटाया जाएगा। निगम ने 20 नई वाल्वो के लिए टेंडर किए हैं। नई बसें मिलते ही उन सभी बसों का अनुबंध निरस्त किया जाएगा जिनके ट्रांसपोर्टर बसों का रखरखाव उचित तरीके से नहीं कर रहे।
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