देहरादून में ई-रिक्शा नहीं वसूल सकेंगे मनमाफिक किराया, पढ़िए पूरी खबर
शहर में ऑटो चालकों की तर्ज पर मनमाना किराया वसूल रहे ई-रिक्शा का किराया तय किया जाएगा। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने मामले में देहरादून आरटीओ को पत्र भेजा है।
देहरादून, जेएनएन। शहर में ऑटो चालकों की तर्ज पर मनमाना किराया वसूल रहे ई-रिक्शा का किराया तय किया जाएगा। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने मामले में देहरादून आरटीओ को पत्र भेज ई-रिक्शा के किराए का प्रस्ताव 23 दिसंबर से पहले बनाने के आदेश दिए हैं। प्राधिकरण की 23 दिसंबर को होने वाली बैठक में किराया तय किया जाएगा। वर्तमान में ई-रिक्शा चालक सवारियों से 50 से 100 रुपये तक अवैध वसूली कर रहे हैं। वहीं, प्राधिकरण बैठक में रोडवेज के साथ ही प्राइवेट बसों, टैक्सी व मैक्सी, लोडर, विक्रम, ऑटो, सिटी बसों आदि के किराए में वृद्धि पर भी फैसला होना है।
दो साल पहले तक शहर में आमजन की परिवहन सुविधा व शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए चलाए गए ई-रिक्शा आज शहर के लिए 'नासूर' बन गए हैं। हर मुख्य मार्ग, प्रमुख चौराहों-तिराहों पर इनका झुंड नजर आता है और ये न केवल ट्रैफिक जाम बल्कि आमजन के लिए बड़ी परेशानी भी बन चुके हैं। परिवहन विभाग के रिकार्ड के तहत वर्तमान में दून में 2478 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। विक्रम-ऑटो के बाद शहर में यातायात जाम के सबसे बड़े कारण बन रहे ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग नकेल डालने में हर मोर्चे पर विफल रहा। गत 27 अगस्त को सरकार ने शहर में ई-रिक्शा का प्रमुख मार्गों पर संचालन प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन सत्ताधारी विधायक ही इसके विरोध में आ गए। नतीजा यह हुआ कि जिन रूटों पर प्रतिबंध है, वहां भी ई-रिक्शा बेधड़क दौड़ रहे हैं। पुलिस-प्रशासन और परिवहन विभाग सत्ताधारियों के दबाव में कोई कदम नहीं उठा पा रहे।
मनमाना किराया वसूल रहे ई-रिक्शा
ऑटो की तर्ज पर ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमाना किराया लेने की शिकायतें विभाग को मिली हैं। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि अभी ई-रिक्शा को कोई किराया तय नहीं है। अब राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इनके किराए का प्रस्ताव बनाने को कहा है। संभवत: इनका किराया दूरी के हिसाब से या प्रति किमी पर तय किया जा सकता है।
बेधड़क रौंद रहे यातायात नियम
शहर का दिल कहलाने वाले घंटाघर से लेकर लालपुल तिराहे या राजपुर रोड तक, सुबह छह से रात के दस बजे तक कमोबेश एक ही नजारा है। यहां ई-रिक्शा की कतारें एक नहीं बल्कि पांच-पांच होती हैं। हालात ये हैं कि ओवरटेक करने और कहीं पर भी घूम जाने में इन ई-रिक्शा चालकों का कोई सानी नहीं। मजबूरन सड़कों और चौराहे पर यातायात पूरे दिन रेंगता रहता है।
इन चौराहों पर लगता है झुंड
पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाइपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक, धर्मपुर, बिंदाल तिराहा, दर्शनलाल चौक, रिस्पना पुल, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, पथरीबाग चौक आदि।
यहां है संचालन पर प्रतिबंध
सरकार ने घंटाघर, आइएसबीटी, रेलवे स्टेशन और परेड ग्राउंड से ई-रिक्शा का संचालन प्रतिबंधित किया हुआ है। सुबह आठ से रात आठ बजे तक चार केंद्रों से ई-रिक्शा का संचालन बंद रखने के आदेश हैं।
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इन रूटों पर ई-रिक्शा की नो-एंट्री
-घंटाघर से प्रेमनगर वाया चकराता रोड, किशनगर, बल्लूपुर चौक।
-घंटाघर से आइएसबीटी वाया प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, सहारनपुर चौक, पटेलनगर लालपुल, माजरा।
-घंटाघर से जोगीवाला तक वाया आराघर, धर्मपुर व रिस्पना पुल।
-घंटाघर से जाखन तक वाया राजपुर रोड, दिलाराम बाजार।
-घंटाघर से लाडपुर तक वाया परेड ग्राउंड, सर्वे चौक, सहस्रधारा क्रॉसिंग।
-रिस्पना पुल से आइएसबीटी वाया कारगी चौक।
-शिमला बाइपास से बड़ोवाला पुल तक वाया मेहूंवाला, तेलपुर चौक।
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