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बस अड्डों के अंदर से ही बैठेंगे और उतरेंगे यात्री, करानी होगी कोरोना की रैंडम जांच

दिल्ली समेत एनसीआर में कोरोना संक्रमण की बढ़ती तेजी के बाद रोडवेज मुख्यालय भी हरकत में आ गया है। रोडवेज मुख्यालय ने नई एसओपी जारी करते हुए सभी बस अड्डों के प्रशासन को आदेश दिए हैं कि अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं की सभी बसें बस अड्डों के भीतर ही संचालित हों।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 07:33 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 07:33 PM (IST)
बस अड्डों के अंदर से ही बैठेंगे और उतरेंगे यात्री, करानी होगी कोरोना की रैंडम जांच
यात्री बस अड्डों के अंदर से ही बैठेंगे और आने वाली बसें भी बस अड्डों के अंदर यात्रियों को उतरेंगी।

देहरादून, जेएनएन। दिल्ली समेत एनसीआर में कोरोना संक्रमण की बढ़ती तेजी के बाद रोडवेज मुख्यालय भी हरकत में आ गया है। रोडवेज मुख्यालय ने नई एसओपी जारी करते हुए सभी बस अड्डों के प्रशासन को आदेश दिए हैं कि अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं की सभी बसें बस अड्डों के भीतर से ही संचालित हों। यात्री बसों में बस अड्डों के अंदर से ही बैठेंगे और आने वाली बसें भी बस अड्डों के अंदर यात्रियों को उतरेंगी। बाहर से कोई यात्री नहीं बैठाया जाएगा, ना ही उतारा जाएगा। इसके अलावा दिल्ली से आने वाली सभी बसों के यात्रियों की बस अड्डों के अंदर कोरोना की रैंडम जांच की जाएगी। यात्री को यात्रा के लिए पंजीकरण कराकर आना पड़ेगा, जो बस अड्डे पर जांचा जाएगा। 

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राज्य सरकार ने जब सितंबर के अंत में अंतरराज्यीय परिवहन की मंजूरी दी थी तो शर्त रखी थी कि बसें बस अड्डों के भीतर से संचालित होंगी और आने वाली बसें रास्ते में किसी यात्री को नजिन उतरेंगी। इसके अलावा परिचालक को सभी यात्रियों के नाम, पते और मोबाइल नम्बर का रिकार्ड रखने के आदेश दिए गए थे। शुरुआत में इन नियमों का पालन हुआ और बस अड्डों पर कोरोना की रैंडम जांच भी की गई, लेकिन धीरे-धीरे अंतरराज्यीय परिवहन सेवाओं में वृद्धि होने पर ये सभी नियम धराशायी हो गए। त्योहारी सीजन में तो और बुरा हाल रहा। कोरोना को देखते हुए एसओपी में उल्लेख था कि बसें यात्रियों को स्टैंडिंग नहीं ले जाएंगी लेकिन त्योहारी सीजन में बसें यात्रियों से खचाखच भरी हुई रवाना हुई। अब हालात बिगड़े तो सरकार और प्रशासन सक्रिय हुए। 

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 जिलाधिकारी ने दिए थे आदेश

देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रोडवेज मुख्यालय को पत्र भेजकर बसों को आइएसबीटी के भीतर से संचालित करने के आदेश दिए। उन्होंने नाराजगी भी जताई कि संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बावजूद रोडवेज बसों में आइएसबीटी के बाहर से यात्री बैठाये जा रहे और बाहर से आने वाली बसों के यात्री भी बाहर उतर जा रहे। जिससे इनका रिकार्ड रखना मुमकिन नहीं हो रहा कि कौन बाहरी राज्य से आ रहा है। जिलाधिकारी ने दिल्ली और एनसीआर से आने वाले यात्रियों पर विशेष फोकस रखने को कहा और आदेश दिए कि दिल्ली की तरफ से आने वाली कोई भी बस बाहर ना रुके, ना ही रास्ते में यात्रियों को उतारे। सभी बसें अंदर आएंगी और यहां यात्रियों की रैंडम जांच की जाएगी। जिलाधिकारी के पत्र के बाद रोडवेज के महाप्रबंधक दीपक जैन ने आईएसबीटी प्रशासन को एसओपी के अनुसार कदम उठाने के आदेश दिए। रोडवेज मुख्यालय ने इस एसओपी को केवल देहरादून बस अड्डे के लिए नहीं बल्कि प्रदेश के सभी बस अड्डों के लिए जारी किया है। देहरादून के साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश, कोटद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर, नैनीताल और रामनगर बस अड्डों पर विशेष निगरानी के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही परिचालकों को अंतरराज्यीय परिवहन बस सेवाओं के सभी यात्रियों के रिकार्ड रखने के आदेश भी दिए गए हैं। 

 संक्रमित का पता लगाने में मिलेगी मदद

जिला प्रशासन और रोडवेज मुख्यालय के इस कदम से दिल्ली व एनसीआर से आने वाले कोरोना संक्रमितों का पता लगाने के काफी मदद मिल सकती है। चूंकि, बस अड्डों पर यात्री का पूरा रिकार्ड रहेगा, लिहाजा अगर  कोई यात्री संक्रमित पाया जाता है तो उसे तलाशने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। यात्री दिल्ली से सीधे देहरादून या प्रदेश के किसी भी बस अड्डे का टिकट लेंगे और उन्हें बस अड्डे पर उतारा जाएगा। बता दें कि मौजूदा समय में यात्री अपनी सुविधा अनुसार रास्ते में कहीं भी बस रुकवाकर उतर जाते हैं, लेकिन अब उन्हें सीधे बस अड्डे पर लाया जाएगा।

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