Rice Scam In Uttarakhand: 220 करोड़ लेन-देन के साक्ष्य नहीं दिए तो कार्रवाई, जानिए पूरा मामला
चावल घोटाले में खाद्य महकमे की चुनौती बढ़ गई है। स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में 220 करोड़ से ज्यादा वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य नहीं मिलने के जिक्र को गंभीर माना गया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में सामने आए चावल घोटाले में खाद्य महकमे की चुनौती बढ़ गई है। स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में 220 करोड़ से ज्यादा वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य नहीं मिलने के जिक्र को गंभीर माना गया। शासन ने कुमाऊं मंडल के संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) से रिपोर्ट में बताई गई अनियमितताओं पर बिंदुवार जवाब मांगा है। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि साक्ष्य नहीं देने पर संबंधित विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के इस चर्चित चावल घोटाले की स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट ने गेंद एक बार फिर खाद्य महकमे के पाले में आ गई है। घोटाले का प्रमुख क्षेत्र कुमाऊं मंडल का ऊधमसिंह नगर जिला रहा है। इस क्षेत्र में धान का सर्वाधिक उत्पादन होता है। साथ ही सबसे ज्यादा राइस मिल इसी क्षेत्र में हैं। ऑडिट रिपोर्ट में बताई गई अनियमितताओं की सफाई महकमे को साक्ष्यों के साथ देनी पड़ेगी। वर्ष 2017 में कराई गई प्रारंभिक जांच में 600 करोड़ का घोटाला सामने आया था।
बाद में खाद्य महकमे की ओर से कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई गई। इसमें घोटाले की पुष्टि नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने स्पेशल ऑडिट के निर्देश दिए थे। स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट में 600 करोड़ के घोटाले की पुष्टि नहीं हुई। अलबत्ता, प्रोक्योरमेंट नियमों और वित्तीय लेन-देन में कई खामियों का जिक्र इसमें किया गया है।
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रिपोर्ट में 220 करोड़ के वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता नहीं बरतने और इसके साक्ष्य महकमे के पास नहीं होने को लेकर गंभीर आपत्ति दर्ज की गई है। खाद्य सचिव सुशील कुमार ने कहा कि ऑडिट में सामने आई अनियमितताओं पर बिंदुवार जवाब आरएफसी से मांगा गया है। खासतौर पर 220 करोड़ से वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य नहीं होने का मामला गंभीर है। महकमे को साक्ष्य देने हैं। साक्ष्य नहीं मिलने पर दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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