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जमीन बेचने के नाम पर जीजा-साले ने एक व्यक्ति से हड़पे 20 लाख रुपये

देहरादून में जमीन बेचने के नाम पर जीजा-साले ने एक व्यक्ति से 20 लाख रुपये हड़प लिए। बाद में न तो जमीन की रजिस्ट्री की और न ही रुपये वापस किए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 04:26 PM (IST)
जमीन बेचने के नाम पर जीजा-साले ने एक व्यक्ति से हड़पे 20 लाख रुपये
जमीन बेचने के नाम पर जीजा-साले ने एक व्यक्ति से हड़पे 20 लाख रुपये

देहरादून, जेएनएन। जमीन बेचने के नाम पर जीजा-साले ने एक व्यक्ति से 20 लाख रुपये हड़प लिए। बाद में न तो जमीन की रजिस्ट्री की और न ही रुपये वापस किए। पटेलनगर कोतवाली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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विरेंद्र सिंह बॉबी निवासी लक्ष्मणपुर विकासनगर ने पुलिस को बताया कि उसके परिचित अशोक कुमार निवासी ग्राम बड़ोवाला कश्यप कॉलोनी, सेवलाकलां रोड हाल निवासी ग्राम गान्दड़ जिला हमीरपुर हिमाचल प्रदेश को रुपयों की सख्त जरूरत थी। अशोक ने विरेंद्र से कहा कि उसके साले अभिषेक उर्फ बिट्टू निवासी बड़ोवाला की नया गांव में सवा तीन बीघा जमीन है, जिसे वह बेचना चाहता है।

विरेंद्र ने बताया कि जमीन का सौदा 20 लाख रुपये में तय हुआ। 25 दिसंबर 2017 को उसने 19.5 लाख रुपये नकद अशोक कुमार को दे दिए। शेष 50 हजार रुपये अशोक ने एक महीने बाद ले लिए। काफी समय बीत जाने पर भी अशोक ने रजिस्ट्री नहीं की तो विरेंद्र ने उस पर दबाव बनाना शुरू किया। इसपर 30 जून 2018 को अशोक ने लिखित रूप में दिया कि उसने विरेंद्र से 20 लाख रुपये लिए हैं, लेकिन वह न तो जमीन की रजिस्ट्री करा पा रहा है और न ही रकम लौटा पा रहा है। जब उसने अभिषेक से पैसे लौटाने की बात कही तो उसने झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।

दूसरे की जमीन का सौदा कर हड़प लिए आठ लाख रुपये

दूसरे की जमीन को अपना बताकर जालसाज ने एक व्यक्ति से उसका सौदा कर दिया और आठ लाख रुपये हड़प लिए। आरोपित के खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसओ रायपुर अमरजीत सिंह के अनुसार संजय रयाल निवासी जोगियाणा, जौलीग्रांट ने धोखाधड़ी की शिकायत की थी। उन्होंने तहरीर देकर बताया था कि उन्हें देहरादून में घर बनाने के लिए प्लाट की आवश्यकता थी। जिसके लिए संजय ने दीपक बिष्ट से संपर्क किया। दीपक ने उन्हें दिवाकर नैनवाल से मिलवाया। 14 मई 2019 को दिवाकर ने संजय को सौंग एनक्लेव में एक प्लाट दिखाया। प्लाट का सौदा आठ लाख रुपये में तय हुआ। संजय ने उसी दिन दिवाकर को सात लाख रुपये दे दिए। बाकी के एक लाख रुपये का चेक आरोपित 28 मई को उनके घर आकर ले गया। 

इसके बाद संजय ने रजिस्ट्री करने को कहा तो वह टालमटोल करने लगा। कई माह बीतने के बाद आरोपित ने प्लाट की रजिस्ट्री कराने में असमर्थता जता दी और कहा कि इसके बदले सेलाकुई में प्लाट दिला देगा। इसके बाद संजय ने अपने स्तर पर जांच-पड़ताल की तो पता चला कि उक्त प्लाट दिवाकर का है ही नहीं। साथ ही उसपर पहले से भूमि धोखाधड़ी संबंधी कई मामले दर्ज हैं।

फर्जी दस्तावेजों से लिया 40 लाख का लोन

जमीन के फर्जी दस्तावेज जमा करके दो लोगों ने बैंक से 40 लाख रुपये का लोन ले लिया। जांच में यह बात सामने आने पर अब बैंक की ओर से शहर कोतवाली में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।कोतवाल शिशुपाल सिंह नेगी के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक की नारी शिल्प मंदिर शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक बीएस रावत ने बताया कि इसरार अली निवासी जमनपुर सेलाकुई ने व्यवसाय के लिए 40 लाख रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया था।

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शाखा की ओर से 15 दिसंबर 2018 को लोन दे दिया गया। ऋण के लिए पुष्पा अधिकारी निवासी प्रकाश लोक शिमला बाईपास माजरा ने अपनी संपत्ति को बैंक के हक में बंधक किया। जांच में पता चला कि संपत्ति के दस्तावेज फर्जी हैं। वरिष्ठ प्रबंधक की तहरीर के आधार पर आरोपितों इसरार अली और पुष्पा अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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