अतिक्रमण तोड़ने पहुंची नगर निगम टीम को घेरा Dehradun News
दून शहर में अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से व्यापक कार्रवाई करने जा रही नगर निगम की टीम को पहले ही पायदान पर व्यापारियों ने घेर लिया।
देहरादून, जेएनएन। दून शहर में अतिक्रमण के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश पर फिर से व्यापक कार्रवाई करने जा रही नगर निगम की टीम को पहले ही पायदान पर व्यापारियों ने घेर लिया। इनमें वे व्यापारी भी शामिल थे, जो 24 घंटे पूर्व अतिक्रमण के खिलाफ अभियान में निगम को सहयोग करने का वायदा महापौर से करके आए थे।
नगर निगम टीम जेसीबी लेकर डिस्पेंसरी रोड पर पहुंची, जहां दुकानदारों ने पूरा नाले पर कब्जा कर रखा है। टीम नाले से अतिक्रमण हटाने का प्रयास कर रही थी, ताकि जलभराव न हो, लेकिन व्यापारियों ने कार्रवाई से पहले ही टीम घेर ली व हंगामा शुरू कर दिया। विरोध देखते हुए दुकानदारों को एक घंटे का वक्त देकर खुद अतिक्रमण हटाने को कहा, लेकिन व्यापारी कार्रवाई से बचने को दौड़भाग करने लगे।
कांग्रेसी नेता अशोक वर्मा के साथ व्यापारियों ने महापौर सुनील उनियाल गामा व फिर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात की। इसमें महापौर ने दो-टूक बोल दिया कि कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही है। लिहाजा पीछे हटने का सवाल नहीं। विरोध के बीच टीम ने अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए।
हाईकोर्ट ने शहर में सड़क, फुटपॉथ और नाली पर किया गया अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया हुआ है। इसके अंतर्गत निगम व पुलिस की संयुक्त टीम आजकल बाजारों में अतिक्रमण ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर रही है।
पलटन बाजार से फिर अभियान शुरू होना था, मगर भाजपा नेता और व्यापारियों ने महापौर से मुलाकात कर कार्रवाई एक दिन के लिए रुकवा दी। यही नहीं व्यापारियों ने वादा किया कि बाजार में अतिक्रमण हटाने में सहयोग देंगे और जिस व्यापारी ने अतिक्रमण किया, उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करें।
इसके तहत निगम की टीम बुधवार को डिस्पेंसरी रोड की तरफ से कार्रवाई करने पहुंची लेकिन व्यापारियों का हुजूम उमड़ पड़ा और टीम को घेर कार्रवाई जबरन रुकवा दी। दरअसल, डिस्पेंसरी रोड पर सड़क की दाहिनी तरफ कई दुकानें हैं। इन दुकानों के सामने ढाई फीट चौड़ाई का नगर निगम का नाला भी बहता है। बताया गया कि दुकानदारों ने इस नाले पर कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया है। जिस कारण बरसात में नाला चोक हो जाता है व यहां जलभराव होता है।
इसी के अंतर्गत निगम के भूमि कर अधीक्षक विनय प्रताप की अगुवाई में निगम एवं पुलिस की संयुक्त टीम वहां अतिक्रमण हटवाने पहुंची तो दुकानदार उग्र हो गए। जैसे ही जेसीबी ने दुकानों पर प्रहार किया दुकानदार बिफर पड़े। कांग्रेसी नेता व राजीव गांधी कांप्लेक्स दुकानदार समिति के संरक्षक अशोक वर्मा भी वहां पहुंच गए व निगम टीम को वापस जाने को कहा।
टीम ने दुकानदारों को खुद अतिक्रमण हटाने के लिए एक घंटे मोहलत दी, लेकिन इस बीच दुकानदारों ने दौड़भाग कर महापौर से दो दिन की मोहलत ले ली।
150 अतिक्रमण पर लाल निशान
व्यापारियों के विरोध व दबाव को देखते हुए महापौर के आदेश पर नगर निगम टीम ने अतिक्रमण ध्वस्त नहीं किया, बल्कि अतिक्रमण पर लाल निशान लगाने की कार्रवाई की। डिस्पेंसरी रोड, धामावाला बाजार से पलटन बाजार तक लगभग 150 अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए गए हैं। अभी अतिक्रमण चिह्निीकरण का ये कार्य एक दिन और चलेगा। निगम ने व्यापारियों को खुद अतिक्रमण तोडऩे के लिए गुरूवार तक की मोहलत दी है। शुक्रवार से दोबारा ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया जाएगा।
भाजपा के बाद कांग्रेसी भी अतिक्रमण के पक्ष में हुए खड़े
भाजपा नेताओं के बाद अब कांग्रेसी नेता भी अतिक्रमणकारियों के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं। मंगलवार को भाजपा नेताओं ने महापौर से अतिक्रमण तोडऩे को लेकर कुछ दिन की मोहलत मांगी थी व व्यापारियों पर नरमी बरतने को कहा था।
हालांकि महापौर ने अपने नेताओं को भी यही कह दिया था कि वह पीछे नहीं हटेंगे। अब कार्रवाई रोकने के लिए कांग्रेसी नेता निगम का रोड़ा बन गए। अशोक वर्मा की अगुवाई में दुकानदारों ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात की। आयुक्त ने कहा कि मौके पर दुकानदारों ने करीब ढाई फीट नाले पर अतिक्रमण किया हुआ है, जो खाली ही करना पड़ेगा।
आयुक्त से राहत न मिलने पर कांग्रेसी नेता व व्यापारियों ने महापौर गामा से मिलकर राहत मांगी। महापौर ने कहा कि वह किसी की रोजी-रोटी नहीं छीनना चाहते लेकिन नाले के अतिक्रमण को तो हटाना ही होगा। इस पर दुकानदार बैरंग लौट गए।
खुद तोड़ने लगे अतिक्रमण
महापौर व नगर आयुक्त से कोई राहत न मिलने पर वापस लौटे व्यापारियों में कुछ ने खुद ही अतिक्रमण तोडऩा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि अगर जेसीबी से इसे तोड़ा गया तो पूरी दुकान ध्वस्त हो सकती है, जो ज्यादा नुकसानदायक होगा।
1996 में आवंटित हुए थे खोखे
जिन दुकानों से अतिक्रमण को हटाने को लेकर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची थी, असल में वह स्थान वर्ष 1996 में नगर निगम ने खोखे के लिए आवंटित किया था। शुरूआत में दुकानदारों ने कुछ वर्ष निगम में किराया दिया, लेकिन अब किराया भी नहीं दिया जा रहा।
तहसील बाजार में बदले हालात
निगम की शनिवार की कार्रवाई का असर तहसील बाजार और जामा मस्जिद चौक के पास के बाजारों में जरूर देखने को मिला। यहां सड़क बिलकुल खुली हुई नजर आई। जिससे यह पता चला कि यहां प्रत्येक दुकानदार ने कम से कम दस-बारह फीट तक अतिक्रमण किया हुआ था। अगर बाजार ऐसे ही अतिक्रमणमुक्त रहे तो शायद ही यहां कभी जाम लगेगा।
अतिक्रमण ने थामी जल निकासी की राह
नियमों को धता बताते हुए 14 मोहिनी रोड क्षेत्र में एक व्यक्ति ने सड़क घेरकर अवैध निर्माण कर लिया है। इसके चलते जल निकासी की राह बाधित हो गई है और हल्की बारिश में ही पानी लोगों के घरों में घुस जा रहा है। इस समस्या से जूझ रहे लोगों ने क्षेत्रीय विधायक खजान दास, एमडीडीए उपाध्यक्ष व अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र लिखा है।
क्षेत्रवासियों की ओर से भेजे गए पत्रों में कहा गया है कि सुधांशु मिश्रा ने सार्वजनिक सड़क को घेरकर निर्माण कर लिया है। इससे पानी की निकासी बाधित हो गई है और बारिश होने पर पूरा पानी सड़क पर भर जाता है। लोगों का यह भी कहना है कि कुछ समय पहले भी उच्चाधिकारियों को पत्र भेजे गए थे, मगर उनकी तरफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बताया जा रहा है कि भाजपा के एक दबंग विधायक के दम पर इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं की जा रही, जबकि अवैध निर्माण को हटाने का एक पत्र अतिक्रमण हटाने वाली टास्क फोर्स को भी भेजा गया था। लोगों ने चेतावनी भी दी है कि यदि शीघ्र जल निकासी को बाधित करने वाले अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा गया तो वह आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे। पत्र भेजने वालों में मनोज जयंत, अंजली नागयान, सोमपाल सिंह, विजय लक्ष्मी जुगरान, नवीन चंद्र जोशी, कल्पना ग्रोवर आदि शामिल हैं।
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