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    Citizenship Amendment Act: सीएए के विरोध में दिया धरना, यूपी सरकार को लिया आड़े हाथ

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Mon, 30 Dec 2019 07:59 PM (IST)

    सीएए के विरोध में तंजीम ए रहनुमा ए मिल्लत मुस्लिम संगठन ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया।

    Citizenship Amendment Act: सीएए के विरोध में दिया धरना, यूपी सरकार को लिया आड़े हाथ

    देहरादून, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में तंजीम ए रहनुमा ए मिल्लत मुस्लिम संगठन ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया। संगठन ने सीएए को रद करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया।

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    शहरकाजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी और संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष लताफत हुसैन की अगुवाई में करीब दो घंटे धरना दिया गया। इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया। धरने को संबोधित करते हुए लताफत हुसैन ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को तत्काल वापस लिए जाए।

    इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर लोगों पर किए गए पुलिस बल प्रयोग का भी उन्होंने विरोध किया। राष्ट्रपति को प्रेषित किए गए ज्ञापन से संगठन ने आग्रह किया कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ देशभर में हो रहे लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन को दबाने की जो कोशिश हो रही उसे रोका जाए। विशेषकर उत्तर प्रदेश सरकार के इशारे पर पुलिस निर्दोष लोगों को निशाना बना रही है।

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    उन्होंने कहा कि देश के मुस्लिम समाज ने आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई, फिर कैसे मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन कानून धर्मवाद को बढ़ावा देने और देश में असुरक्षा का माहौल पैदा करने का प्रयास है। उन्होंने सवाल किया कि यह कैसा कानून है कि बाहर के लोगों को देश की नागरिकता दी जाए और देशवासियों को को इस बात का प्रमाण देना पड़े कि वह भारतीय हैं। उक्त कानून भारतीय संविधान का उल्लंघन है, जो देश की एकता, भाईचारा और अखंडता को तोड़ने का घातक प्रयास है।     

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    नागरिकता केवल तीन देशों को ही क्यों

    तंजीम ए रहनुमा ए मिल्लत संस्था के महानगर अध्यक्ष यामीन अहमद ने कहा कि नेपाल, वर्मा, भूटान और श्रीलंका से भी अल्पसंख्यक समुदाय के लाखों लोग प्रताड़ना के चलते भारत में आए हैं, अगर नागरिकता देनी ही है तो यह लोग अछूते क्यों हैं। इस कानून को हटाए जाने को लेकर देश के दर्जनों संगठनों की तरह मुस्लिम समाज भी देश में शांति और भाईचारे का हिमायती है। इस मौके पर संगठन के कार्यकर्ता फुरकान अहमद, अब्दुल अहमद, यूसुफ इब्राहिम, वाहब हुसैन, आदि मौजूद रहे।

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