Move to Jagran APP

अलग धारा बनाकर बारिश के पानी को संरक्षित कर रहे हैं रिटायर्ड आइएएस

रिटायर्ड आइएएस जेसी पंत जैसे जल योद्धा अपनी अलग धारा बनाकर वर्षा जल की बूंद-बूंद को सहेजने में लगे हैं। इस दिशा में उन्होंने दिशा में वर्ष 2011 में कदम बढ़ाया।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 06 Jul 2018 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 11 Jul 2018 05:12 PM (IST)
अलग धारा बनाकर बारिश के पानी को संरक्षित कर रहे हैं रिटायर्ड आइएएस
अलग धारा बनाकर बारिश के पानी को संरक्षित कर रहे हैं रिटायर्ड आइएएस

देहरादून, [जेएनएन]: भारत सरकार में कृषि सचिव रहे जेसी पंत ने सेवा में रहते हुए देशभर में कृषि सेक्टर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (वर्षा जल संचयन) की अलख जगाई और फिर खुद निजी स्तर पर इसकी मिसाल पेश की। दून में जहां सरकार से लेकर निजी स्तर तक पानी के लिए भूजल का जमकर दोहन किया जा रहा है, वहीं रिटायर्ड आइएएस जेसी पंत जैसे जल योद्धा अपनी अलग धारा बनाकर वर्षा जल की बूंद-बूंद को सहेजने में लगे हैं।

loksabha election banner

सेवानिवृत्ति के बाद से वसंत विहार में रह रहे 80 साल के जेसी पंत ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में वर्ष 2011 में कदम बढ़ाया। उन्होंने रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया। उनके पास वर्षा जल को संचय करने के लिए करीब 18 हजार लीटर क्षमता का टैंक है। 

रूफ टॉप आधारित इस व्यवस्था में उन्होंने अपने भवन के छत की हर एक ड्रेन को भूमिगत टैंक से जोड़ा है। इस टैंक में फिल्टर के जरिए वर्षा जल का संचय किया जाता है। 

इस पानी का प्रयोग वह अपने दो बाथरूम के फ्लश, वाशिंग मशीन, बागवानी आदि के लिए करते हैं। उनका कहना है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बाद उन्हें कभी भी पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ा। वह संदेश देते हैं कि हर व्यक्ति वर्षा जल के संचयन की दिशा में काम करे तो दून को कभी भी भूजल स्तर में कमी के संकट से नहीं जूझना पड़ेगा। इसी बात को आगे पहुंचाने का प्रयास करते हुए पंत अन्य लोगों को भी जल संचय के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।

जागरण के प्रयास से ठीक हुई लीकेज

बलबीर रोड पर सीमेंट की मुख्य पेयजल लाइन की लीकेज को दैनिक जागरण के प्रयास से दुरुस्त कर दिया गया है। दक्षिण जोन के अधिशासी अभियंता मनीष सेमवाल व उनकी टीम ने मौके पर जाकर स्वयं पाइप लाइन की लीकेज को दुरुस्त कराया।

जलदान अभियान के तहत स्थानीय कारोबारी बीएम वढेरा ने जागरण को पेयजल लाइन में लीकेज की शिकायत की थी। इस लीकेज से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा था। 

इस शिकायत से जब जल संस्थान के दक्षिण जोन कार्यालय को अवगत कराया गया तो संबंधित अधिकारियों ने स्वयं मौके पर जाकर क्षतिग्रस्त लाइन को दुरुस्त कराया।

अधिशासी अभियंता मनीष सेमवाल का कहना है कि यह न सिर्फ मुख्य लाइन है, बल्कि इससे नेहरू कॉलोनी से लेकर सर्वे चौक तक के इलाके जुड़े हैं। सीमेंट की लाइन के दशकों पुराने होने के चलते यह जर्जर हालत में पहुंच चुकी है। 

लाइन में कई दफा लीकेज की समस्या पैदा होती रहती है। वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री की घोषणा में इस लाइन को बदलने का भी प्रस्ताव है। इसके लिए 6.91 करोड़ रुपये का इस्टीमेट भी बनाया गया है। जब तक यह कार्य स्वीकृत नहीं हो जाता, तब तक तत्परता के साथ मुख्य लाइन के रखरखाव के भरसक प्रयास किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें: दस साल से बारिश की बूंदे सहेज रहे हैं यह भूवैज्ञानिक

यह भी पढ़ें: यहां महिलाओं ने नहर की मरम्मत कर पहुंचाया पानी, तब हुई धान की रोपाई

यह भी पढ़ें: यहां के युवाओं ने गांव की प्यास बुझाने के लिए पहाड़ को दी चुनौती


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.