निजामों के शहर हैदराबाद में भी होंगे बदरी विशाल के दर्शन, प्रवासी उत्तराखंडी करा रहे मंदिर का निर्माण
समुद्र तल से 3133 मीटर (10279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित बदरी विशाल के दर्शन अब निजामों के शहर हैदराबाद में भी होंगे। दशकों से इस शहर में रह रहे कुछ उत्तराखंडी परिवार यहां अपने आराध्य देव बदरीनाथ के मंदिर का निर्माण करा रहे हैं
देहरादून, विजय जोशी। उत्तराखंड में समुद्र तल से 3133 मीटर (10279 फीट) की ऊंचाई पर स्थित बदरी विशाल के दर्शन अब निजामों के शहर हैदराबाद में भी होंगे। दशकों से इस शहर में रह रहे कुछ उत्तराखंडी परिवार यहां अपने आराध्य देव बदरीनाथ के मंदिर का निर्माण करा रहे हैं, जो कि उत्तराखंड स्थित बदरीनाथ धाम का प्रतिरूप होगा।
फार्मा, प्रौद्योगिकी और आइटी हब के रूप में पहचाने जाने वाले तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में रोजगार के लिए पलायन कर गए उत्तराखंड के हजारों लोग बसे हुए हैं। इन्हीं में से कुछ ने कई वर्ष पूर्व यहां उत्तराखंड कल्याणकारी संस्था का गठन किया, जो समुदाय के बीच सांस्कृतिक व जनहित के कार्य करती है। यही संस्था शहर के मेढचल इलाके में भगवान बदरी विशाल के मंदिर का निर्माण करा रही है, जो कुछ समय में पूर्ण हो जाएगा।
संस्था के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि वह 60 के दशक में हैदराबाद गए थे और तब से परिवार समेत वहीं रह रहे हैं। बकौल विक्रम, संस्था का उद्देश्य है कि हैदराबाद में भी उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं की झलक दिखे। इसी को ध्यान में रखकर यहां बदरीनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण पूर्ण होने के बाद मंदिर में बदरीनाथ धाम से अखंड ज्योति लाकर स्थापित की जाएगी। मंदिर के उद्घाटन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बुलाने की योजना है।
हैदराबाद में उत्तराखंड के 6000 परिवार
संस्था के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि वर्तमान में छह हजार के करीब उत्तराखंडी परिवार हैदराबाद में बसे हुए हैं। इनमें से ज्यादातर संस्था से जुड़े हैं। ये परिवार आज भी पहाड़ और यहां की संस्कृति सहेज रहे हैं। मंदिर के निर्माण में सभी उत्तराखंडी प्रवासी आर्थिक सहयोग कर रहे हैं। उत्तराखंड से भी कुछ लोग मदद के लिए आगे आए हैं।
इनका रहा विशेष सहयोग
मंदिर निर्माण में आंध्र प्रदेश सरकार में प्रशासनिक अधिकारी रहे अनिल चंद्र पुनेठा, आयकर विभाग में सहायक आयुक्त राजीव बेंजवाल का विशेष सहयोग रहा। दोनों ही मूल रूप से उत्तराखंड के हैं।
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पूर्व सैनिक हैं मंदिर के आर्किटेक्ट
मंदिर के मुख्य आर्किटेक्ट पूर्व सैनिक रोशन सिंह नेगी हैं। इसमें उनका सहयोग कर रहे हैं पूर्व सैनिक बलवीर प्रसाद पैन्यूली। वहीं, मंदिर का निर्माण रिकेश्वर प्रसाद पेटवाल, अनिल भंडारी और विक्रम सिंह की देखरेख में चल रहा है।
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