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कोरोना काल ने युवाओं में बढ़ा दिया है धार्मिक रुझान

कोरोना काल ने युवाओं में धार्मिक रुझान बढ़ा दिया है। अब युवाओं को यह पता चल रहा है कि किश्किंधा कहां थी और यहां के राजा कौन थे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 08:54 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 08:54 AM (IST)
कोरोना काल ने युवाओं में बढ़ा दिया है धार्मिक रुझान
कोरोना काल ने युवाओं में बढ़ा दिया है धार्मिक रुझान

देहरादून, विजय जोशी। कोरोना काल ने युवाओं में धार्मिक रुझान बढ़ा दिया है। इसमें दूरदर्शन की भी कृपा रही है। लॉकडाउन में दूरदर्शन ने रामायण और महाभारत प्रसारित कर युवाओं को घर में रहकर भी बोर नहीं होने दिया। दूरदर्शन की टीआरपी रातों रात फर्श से अर्श पर पहुंच गई। जिसे देखते हुए घर के बड़े बुजुर्गों के साथ ही युवा वर्ग भी खासी रुचि के साथ रामायण देख रहा है। इससे उन्हें हमारे धार्मिक ग्रंथों की भी जानकारी हो रही है और मनोरंजन की भी। टीवी पर ऐतिहासिक रामायण धारावाहिक के दृश्य पूरे परिवार को बांध लेते हैं और वे सभी काम छोड़ बस एकाग्रचित होकर रामायण देख रहे होते हैं। अब युवाओं को यह पता चल रहा है कि किश्किंधा कहां थी और यहां के राजा कौन थे। हनुमान के पराक्रम के साथ ही लक्ष्मण की भाई श्रीराम के प्रति निष्ठा से लेकर कुंभकरण की अपने भाई रावण के प्रति निष्ठा का भी भान हो।

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युवाओं की भागीदारी

कोरोना महामारी के कारण कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास न पैसा है, न राशन। ऐसे जरूरतमंदों की मदद को युवा भी आगे आ रहे हैं। कोरोना महामारी के खतरे के बीच युवा शहरभर में घूमकर असहाय लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्हें इस बात का पूरा अहसास है कि यह संकट का समय है और इंसान ही इंसान के काम आएगा। प्रशासन का सहयोग भी जरूरी है। भले ही जिला प्रशासन अपनी ओर से लोगों को राशन और भोजन उपलब्ध कराने का पूर्ण प्रयास कर रहा हो, लेकिन यह काफी नहीं होगा। कोई भूखा न सोये और किसी को लॉकडाउन से परेशानी न हो, इसके लिए सभी को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए युवा वर्ग अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। वाहनों में घूमकर शहर में जगह-जगह युवा जरूरतमंदों को मदद पहुंचा रहे हैं। उम्मीद है हम जल्द इस संकट से उबर जाएंगे।

नौकरी का हाल

कोरोना महामारी के कारण नौकरियों की स्थिति भी खराब हो गई हैं। तमाम लंबित भर्तियां चाहे वो सरकारी हों या निजी सभी ठंडे बस्ते में चली गई हैं। वहीं निजी क्षेत्र की कंपनियों में तो छंटनी की नौबत आ गई है। ऐसे में युवाओं का खौफजदा होना भी लाजिमी है। कुछ कंपनियों में सैलरी पर भी कटौती की तलवार चल रही है। अब बेरोजगार युवा तो छोड़ि‍ये, नौकरी पेशा लोग भी संकट में हैं। ऐसे में हालात तो शायद मंदी के दौर में भी नहीं रहे होंगे। कोरोना ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। न तो फैक्टियां चल रही हैं और न ही अधिकांश दफ्तर खुल रहे हैं। निजी कंपनियां घर से यथासंभव कार्य लेने का प्रयास तो कर रही हैं, लेकिन परिणाम औसत भी नहीं मिल पा रहे हैं। करें भी तो क्या कोरोना महामारी के संकट ने सभी को हालात के हाथों मजबूर जो कर दिया है।

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टाइमपास का जरिया

कोरोना काल के कारण घर में युवाओं को अपना हुनर दुनिया के सामने रखने के लिए इन दिनों यू-ट्यूब ही सहारा बना हुआ है। ज्यादातर युवा घर पर नृत्य और संगीत के वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर रहे हैं। यहां तक कि जुबिन नौटियाल, प्रियंका शर्मा जैसे बॉलीवुड गायक भी इन दिनों यूट्यूब पर ही लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। इसके अलावा यू-ट्य़ूब लोगों को जागरूक करने का भी माध्यम बना बना हुआ है। इस पर जागरूकता संदेश भी अपलोड किए जा रहे हैं। इसके अलावा मनोरंजन के लिहाज से भी यूट्यूब एक बेहतर प्लेटफॉर्म बना हुआ है। कोरोना महामारी के बीच भी लोग तरह-तरह के हंसी-मजाक के वीडियो भी इस पर डाल रहे हैं। जबकि, कुछ तो कोरोना वायरस पर आधारित वीडियो बनाकर ही लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं। अच्छा है लॉकडाउन ही इस महामारी को रोक सकता है और घर में रहकर जितना भी मनोरंजन हो कम है। 

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