Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड में तकनीकी विश्वविद्यालय कुलसचिव को चाहिए अंब्रेला एक्ट

तकनीकी विश्वविद्यालय को दमदार कामकाजी कुलसचिव के लिए एक अदद अंब्रेला एक्ट की दरकार है। ये बात भले ही फरेबी लगे लेकिन है सच।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 02:42 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 03:04 PM (IST)
उत्‍तराखंड में तकनीकी विश्वविद्यालय कुलसचिव को चाहिए अंब्रेला एक्ट
उत्‍तराखंड में तकनीकी विश्वविद्यालय कुलसचिव को चाहिए अंब्रेला एक्ट

देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। तकनीकी विश्वविद्यालय को दमदार कामकाजी कुलसचिव के लिए एक अदद अंब्रेला एक्ट की दरकार है। ये बात भले ही फरेबी लगे, लेकिन है सच। कुलसचिव का पद पूरी तरह प्रशासनिक है। इस पद की योग्यता ही विवाद का विषय बन गई। विश्वविद्यालय के अधिनियम में इस पद की शैक्षिक योग्यता के लिए बीटेक की डिग्री अनिवार्य कर दी गई।

loksabha election banner

ऐसी शैक्षिक योग्यता राज्य के अन्य किसी विश्वविद्यालय मसलन चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय या औद्यानिकी-वानिकी विश्वविद्यालय में भी नहीं है। बीटेक डिग्री की यही शर्त सरकार के लिए फंदा बनी है। कुलसचिव पद पर उच्च शिक्षा से भेजी गईं डॉ अनीता रावत को इस शर्त की वजह से हटना पड़ा और सरकार की हाईकोर्ट में खूब किरकिरी हो गई। लिहाजा इन खामियों को दुरुस्त करने के लिए अंब्रेला एक्ट लाया जा रहा है। इसके लागू होने के बाद सभी विश्वविद्यालयों में कुलसचिव पद के लिए समान योग्यताएं तय हो जाएंगी।

बार बार लगाते रहिए हांका 

जनाब, ये हाकिमों का तंत्र है। बार-बार हांका नहीं लगा तो भूल जाना तंत्र की आदत है। पदोन्नति के नाम पर शिक्षा विभाग में यही हो रहा है। हाईस्कूल प्रधानाध्यापकों के 50 पदों पर पदोन्नति होनी है। पात्र शिक्षकों की वर्षों की उम्मीदों पर पेच फंसा गया। पदोन्नति के कई पात्रों की सेवा पुस्तिकाएं अधूरी हैं। इनमें वाॢषक प्रविष्टियां अंकित नहीं हैं। 33 प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों के लिए डीपीसी हो गई, लेकिन पदोन्नति आदेश जारी होने में फिर वही वाॢषक प्रविष्टियां पूरी नहीं होने का रोड़ा अटका है। अजीब तमाशा देखिए। शिक्षकों के स्कूलों का मुखिया बनने में अड़ंगे की वजह रहे विभाग के अधिकारी इन दिनों खुद परेशान हैं। इनकी पदोन्नति भी लटकी है। चरित्र पंजिकाओं में वाॢषक प्रविष्टियां भरने की जिम्मेदारी शासन के जिन हाकिमों के पास है, वे प्रविष्टियां भरना अक्सर भूल जाते हैं। एक की परेशानी ही दूसरे का आनंद, तंत्र की यही कहानी है।

शिक्षा पर वक्री हुआ कोरोना 

कोरोना महामारी की वक्र दृष्टि इन दिनों शिक्षा विभाग पर भारी पड़ रही है। नीतिगत फैसलों से लेकर उन्हेंं लागू करने की रफ्तार धीमी हो चुकी है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम इन दिनों सेल्फ आइसोलेशन में हैं। उनके वाहन चालक की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से वह सावधानी बरतते हुए आवास तक सीमित हैं। सचिवालय में शिक्षा के अनुभागों में भी कामकाज पर कोरोना का असर है। एक अनुभाग अधिकारी के स्वजन इसकी चपेट में आए तो तीमारदारी के साथ आइसोलेशन की पाबंदी खत्म होने पर 22 दिन बाद उन्होंने कामकाज शुरू किया। कई कार्मिकों के संक्रमण की चपेट में आने के कारण एससीईआरटी को बंद करना पड़ा था। अब शिक्षा निदेशालय का कामकाज प्रभावित हो गया है। इंटर कॉलेजों में तैनाती के लिए पदोन्नत प्रवक्ताओं की काउंसिलिंग स्थगित की गई है। कोरोना के खतरे और कामकाज के बढ़ते दबाव से अधिकारियों के हाथ-पांव फूल हुए हैं।

यह भी पढ़ें:Fruit Business: एक माह में घटा फलों का कारोबार, दाम छू रहे आसमान

शिक्षा नीति से जूझेंगे माननीय

विधायकों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अमल में लाने के सुझाव देने हैं। माननीयों ने जिसतरह निर्माण कार्यों में रुचि लेकर ठीकेदारों के साथ सोहबत बढ़ा ली है, ऐसे में नई शिक्षा नीति को लागू करने के बारे में सुझाव देने में उन्हें खासी मशक्कत करनी होगी। बकौल शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, सभी विधायकों को नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट दिए गए हैं। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक विधायकों की रुचि इसमें रही कि अपने विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा विद्यालय खुलवाए जाएं। आबादी की जरूरत और विभाग की राय को दरकिनार कर विद्यालय खोल दिए गए। इनमें कई प्राथमिक विद्यालयों पर छात्रसंख्या दस से कम होने की वजह से बंदी की तलवार लटकी है। शिक्षा को स्कूलों-कॉलेजों के भवनों और उनके निर्माण कार्यों के नजरिए से देखने के अभ्यस्त माननीय नई नीति के बारे में क्या राय देते हैं, इस पर निगाहें टिकी हैं।

यह भी पढ़ें: विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: तनाव किसलिए, आपकी सबसे प्यारी चीज आप खुद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.