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    आखिर कहां 'मिठास' घोल रही गरीब के हक की चीनी

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    Updated: Wed, 11 Jul 2018 02:43 PM (IST)

    अंत्योदय योजना के गरीब परिवारों को तीन माह से चीनी नहीं मिली है। जबकि, उच्चाधिकारी जिलों को तीन माह का चीनी का कोटा जारी करने की बात कर रहे हैं।

    आखिर कहां 'मिठास' घोल रही गरीब के हक की चीनी

    देहरादून, [जेएनएन]: अंत्योदय योजना के गरीब परिवारों को पता भी नहीं कि उनके हक की चीनी कहां जा रही है? तीन माह से पात्रों को चीनी नहीं मिली है। जबकि, उच्चाधिकारी जिलों को तीन माह का चीनी का कोटा जारी करने की बात कर रहे हैं। अब जिले के अधिकारियों की बात करें तो उनके अनुसार अप्रैल माह से चीनी पहुंची ही नहीं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अंत्योदय परिवारों को हर महीने मिलने वाली चीनी में कोई बड़ा गोलमाल तो नहीं।

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    दरअसल, अंत्योदय राशन कार्ड के गरीब परिवारों को एक किलो चीनी प्रति माह दी जाती है। बात देहरादून जिले की करें तो यहां अप्रैल माह से पात्र परिवारों को चीनी नहीं मिली है। उत्तरांचल सरकारी राशन गल्ला विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि विभाग की ओर से राशन विक्रेताओं को चीनी का कोटा नहीं दिया जा रहा है। 

    अधिकारी इसका कारण भी स्पष्ट रूप से बताने को तैयार नहीं हैं। वहीं, आयुक्त कार्यालय का कहना है कि योजना का संचालन सफलतापूर्वक हो रहा है। हर तीन माह में जिलों को चीनी का कोटा जारी किया जा रहा है। लेकिन जिलों में योजना की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। हर माह अंत्योदय परिवारों को मिलने वाली एक किलो चीनी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ रहा है। 

    अंत्योदय कार्डधारकों की स्थिति 

    जिला-----------------संख्या 

    अल्मोड़ा-------------14088 

    बागेश्वर---------------6127 

    चमोली----------------7323 

    चंपावत---------------5828 

    देहरादून-------------15378 

    पौड़ी----------------11067 

    हरिद्वार------------36602 

    नैनीताल-------------16113 

    पिथौरागढ़------------11037 

    रुद्रप्रयाग--------------3970 

    टिहरी---------------23896 

    यूएसनगर------------17573 

    उत्तरकाशी-----------13556 

    जिला पूर्ति अधिकारी विपिन कुमार का कहना है कि अप्रैल माह से चीनी वितरित नहीं हो पाई है। अगले कोटे में बकाया चीनी वितरित कर दी जाएगी। सीमित कोटा होने के कारण चीनी जारी नहीं हो पाती है। 

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