आरटीओ देहरादून नाम की वेबसाइट से ठगी में मुकदमा Dehradun News
आरटीओ देहरादून नाम की वेबसाइट से बीती 28 सितंबर को हुई 49 हजार रुपये की ठगी में पुलिस ने साइबर सेल की करीब एक महीने की जांच के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया।
देहरादून, जेएनएन। आरटीओ देहरादून नाम की वेबसाइट से बीती 28 सितंबर को हुई 49 हजार रुपये की ठगी में शहर कोतवाली पुलिस ने साइबर सेल की करीब एक महीने की जांच के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया। मुकदमे की कार्रवाई से माना जा रहा है कि पुलिस ने जालसाजों की पहचान कर ली है और टीमों को गिरफ्तारी के लिए रवाना भी कर दिया है।
ऋषि सेठी निवासी लोनिया मोहल्ला दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। 28 सितंबर को लर्निंग डीएल बनवाने की प्रक्रिया जानने के लिए उन्होंने गूगल पर आरटीओ देहरादून को सर्च किया। मोबाइल पर आरटीओ देहरादून वेबसाइट खुली, जिस पर एक मोबाइल नंबर भी फ्लैश हो रहा था। ऋषि ने इस नंबर पर कॉल की। फोन उठाने वाले शख्स ने खुद को आरटीओ कर्मचारी बताते हुए कहा कि वह उनका लर्निंग डीएल ऑनलाइन बनवा देगा। इसके लिए वह एक लिंक भेज रहा है, जिस पर क्लिक करने के बाद उन्हें अपने बैंक अकाउंट लिंक मोबाइल नंबर से पांच रुपये उसके नंबर पर ट्रांसफर करने होंगे। तब तक ऋषि को अहसास नहीं हुआ था कि वह साइबर ठग के जाल में फंसने जा रहे हैं।
उन्होंने लिंक पर क्लिक करने के बाद पांच रुपये ट्रांसफर कर दिए। उसी दिन शाम को उन्हें बैंक से एसएमएस आया कि उनके खाते से 49 हजार और छह सौ रुपये किसी और बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। ऋषि ने बताया कि उन्होंने तीस सितंबर को एसएसपी आफिस के साइबर सेल को संबोधित प्रार्थना पत्र शिकायत प्रकोष्ठ को रिसीव करा दी थी। साइबर सेल तभी से जालसाजों का पता लगाने की कोशिश में जुटा हुआ था।
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बिहार-झारखंड से जुड़े तार
आरटीओ देहरादून नाम की वेबसाइट से हुई ठगी के तार बिहार और झारखंड से जुड़ रहे हैं। जालसाजों ने इस तरह और राज्यों के जिलों के परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बना रखी है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने उन बैंक खातों की बारीकी से पड़ताल की, जिनमें रकम ट्रांसफर कराई। इसके साथ ही उन खातों से कहां रकम निकाली गई। इस सुराग ने भी पुलिस की जालसाजों तक पहुंचने में काफी मदद की। इस साइबर ठगी का पुलिस जल्द ही पर्दाफाश कर सकती है।
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