Dehradun News: ओएनजीसी चौक हादसे में पुलिस ने एक साल बाद दाखिल की 500 पन्नों की चार्जशीट, बनाए गए हैं 60 गवाह
देहरादून के ओएनजीसी चौक पर हुए हादसे के एक साल बाद कैंट कोतवाली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में चालक, मालिक और वाहन किराये पर लेने वाले को आरोपित बनाया गया है। 500 पन्नों की चार्जशीट में 60 गवाह हैं। इस घटना में कांवली रोड निवासी कामाक्षी नामक युवती की भी जान चली गई थी।

11 नवंबर 2024 की रात को ओएनजीसी चौक पर हुए हादसे की तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून: 11 नवंबर 2024 की रात को ओएनजीसी चौक पर हुए दिल दहलाने वाले हादसे में कैंट कोतवाली पुलिस ने एक साल बाद चार्जशीट दाखिल कर दी है।
पुलिस की ओर से कैंट चालक राजकुमार, मालिक नरेश व घटना के समय वाहन को किराये पर लेने वाले आरोपित अभिषेक के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की है।
केस में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब जल्द ट्रायल भी शुरू हो जाएगा। 500 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस की ओर से 60 गवाह बनाए गए हैं।
इस हादसे में कांवली रोड निवासी घर की इकलौती बेटी 20 वर्षीय कामाक्षी की भी जान गई थी। घटना के एक साल पूरे होने पर कामाक्षी के पिता अधिवक्ता तुषार सिंघल ने पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए थे।
उनका कहना था कि पुलिस ने केवल क्लीनर को गिरफ्तार कर खानापूर्ति कर दी, जबकि असली कार्रवाई कंटेनर के मालिक पर होनी चाहिए थी।
उनका यह भी कहना था कि इस मामले में पुलिस अब तक चार्जशीट दाखिल भी नहीं कर पाई और ना ही उनके बयान दर्ज किए गए। आरोप-प्रत्यारोपों के बीच पुलिस ने अब चार्जशीट दाखिल कर दी है।
घटना से सहम गया था पूरा दून
एक साथ छह नौजवानों की मृत्यु के चलते पूरा देहरादून सहम गया था। 11 नवंबर की रात 01:11 बजे कुणाल कुकरेजा, ऋषभ जैन, नव्या गोयल व अतुल अग्रवाल कांवली रोड निवासी कामाक्षी के घर के बाहर पहुंचे।
इस दौरान कामाक्षी के साथ गुनीत भी थी। घर के बाहर आकर युवकों ने कामाक्षी व गुनीत से कहा कि शहर में एक चक्कर घूमकर आते हैं। कामाक्षी अपने स्वजन को सूचित किए बिना ही दोस्तों के साथ चली गई और 01:21 बजे वह ओएनजीसी चौक पर हादसे के शिकार हो गए।
कामाक्षी के पास एपल का फोन था। दुर्घटना में जब उनका फोन टूटा तो उनके पिता को इसका अलर्ट आया। इसके बाद स्वजन दौड़कर घटनास्थल पर पहुंचे, जहां घटना को देखकर वह बेसुध हो गए।
एक साल पहले खरीदा था वाहन
जिस इनोवा हाईब्रिड से यह हादसा हुआ वह एक साल पहले खरीदा गया था और वाहन चेन्नई से मंगवाया था।
वाहन के दस्तावेज चेक करने पर पता चला कि वाहन दिल्ली निवासी विनीत गुप्ता के नाम पर रजिस्टर्ड है। उस रात वाहन को अतुल अग्रवाल चला रहा था। अतुल अग्रवाल के बगल में कुणाल कुकरेजा बैठा था।
बीच वाली सीट में गुनीत व कामाक्षी जबकि पीछे सीट में नव्या गोयल, ऋषभ जैन व सिद्धेश अग्रवाल बैठे थे।
मजे की बात तो यह है कि एक साल से चल रहे वाहन पर कर्नाटक का टेंपरेरी नंबर लगाया था, उत्तराखंड में वाहन को रजिस्टर्ड ही नहीं कराया था।
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