धोखाधड़ी के मामले का खुलासा, गुजरात का डॉक्टर हुआ आगरा से गिरफ्तार
नर्सिंग होम संचालक को डायलिसिस मशीन दान में देने के नाम पर हुई ठगी के मास्टरमाइंड गुजरात के डॉक्टर को पटेलनगर कोतवाली की पुलिस ने ताजगंज आगरा से गिरफ्तार कर लिया।
देहरादून, जेएनएन। शहर के एक नर्सिंग होम संचालक को डायलिसिस मशीन दान में देने के नाम पर हुई ठगी के मास्टरमाइंड गुजरात के डॉक्टर को पटेलनगर कोतवाली की पुलिस ने ताजगंज आगरा से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उसकी कई महीने से सरगर्मी से तलाश कर रही थी, लेकिन वह फाइव स्टार होटलों में मौज करते हुए पुलिस से बचता फिर रहा था। पुलिस ने आरोपित डॉक्टर को कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से उसे सुद्धोवाला जिला कारागार भेज दिया गया।
पुलिस के अनुसार अनिल कुमार गर्ग ने पटेलनगर कोतवाली में बीती 14 अगस्त 2018 को डॉ.कपिल नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि इस शख्स ने डायलिसिस मशीन देने के नाम पर एक लाख 78 हजार रुपये ठग लिए हैं। मामले की विवेचना एसआई सुरेश कुमार सिंह को सौंपी गई। दस्तावेजों और तकनीकी साक्ष्यों से पता चला कि आरोपित का असली नाम डॉ. तुषार लोहार पुत्र बाबू भाई निवासी फ्लैट नंबर 404 निकट गेबी आश्रम अहमदाबाद गुजरात है। इस पर एक टीम गुजरात रवाना की गई। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित ने गोरखपुर और नागपुर समेत देश के करीब तीन सौ अस्पतालों से करोड़ों की ठगी कर चुका है। आरोपित को पुलिस ने सोमवार को ताजगंज आगरा से गिरफ्तार किया और मंगलवार को उसे लेकर देहरादून पहुंची।
ऐसे करता था ठगी
तुषार अलग-अलग नामों से नर्सिंग होम को फोन करता था और उन्हें बताता कि उसकी एक संस्था है जो डायलिसिस मशीन समेत अन्य चिकित्सकीय उपकरण दान में देती है। दान लेने के लिए तैयार होने पर वह टांसपोर्ट चार्ज अन्य शुल्क के नाम पर लाखों ऐंठ कर फरार हो जाता। तुषार हर बार अलग-अलग सिमकार्ड प्रयोग में लाता था, जिसके चलते वह आसानी से बच निकलता था।
अगस्त से अब तक बदले 19 सिम
इंस्पेक्टर सूर्य भूषण नेगी ने बताया कि तुषार ने अगस्त 2018 से लेकर अब 19 सिमकार्ड बदल चुका था। इसके बाद भी तकनीकी साक्ष्यों से उसकी लोकेशन मिल गई। वह ठगी को अंजाम देने के बाद मिले पैसों से फाइव स्टार होटलों में मौज करता था। उसके पास दो बैंक अकाउंट के पासबुक, आधार कार्ड, तीन मोबाइल और चार पैन कार्ड के साथ करीब साढ़े चौदह हजार रुपये बरामद किए गए हैं।
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