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    प्लॉटिंग के नियम हुए आसान, अवैध पर कसेगा शिकंजा; पढ़िए पूरी खबर

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 11 Jul 2019 04:12 PM (IST)

    उत्‍तराखंड कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को जनता की जरूरत के मुताबिक आसान बना दिया गया है।

    प्लॉटिंग के नियम हुए आसान, अवैध पर कसेगा शिकंजा; पढ़िए पूरी खबर

    देहरादून, जेएनएन। राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार बिल्डिंग बायलॉज (भवन उपविधि) के नियमों को जनता की जरूरत के मुताबिक आसान बना दिया गया है। भूखंड का ले-आउट पास कराकर कॉलोनियों के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए शुल्क को कम करने के साथ ही उसे जटिल गणना की जगह एकमुश्त कर दिया गया है। यह लाभ 500 से 4000 वर्गमीटर तक के भूखंडों पर की जाने वाली प्लॉटिंग पर मिलेगा। दूसरी तरफ, अवैध प्लॉटिंग को हतोत्साहित करने के लिए कार्रवाई के नियम कड़े किए गए हैं।

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    मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक भूखंडों के ले-आउट पास कराने के लिए शुल्क गणना की विधि जटिल व खर्चीली थी। इसके चलते अवैध प्लॉटिंग के मामले भी बढ़ रहे थे। नियमों में संशोधन के बाद भूखंड के क्षेत्रफल के अनुसार एक से दो लाख रुपये का एकमुश्त शुल्क लिया जाएगा। दूसरी तरफ तरफ आम भूस्वामी को बिचौलियों से बचाने के लिए एमडीडीए भी उन्हें ले-आउट प्लान बनाकर देगा। इसके लिए ले-आउट पास कराने का शुल्क के बराबर ही राशि वसूल की जाएगी। इसके बाद भोले-भाले लोग बिचौलिये प्रॉपर्टी डीलरों के चंगुल में नहीं फंस पाएंगे और इससे कमीशन के रूप में भूखंड की लागत में भी अनावश्यक इजाफा नहीं हो पाएगा। साथ ही ले-आउट पास होने की दशा में भवन बनाने वाले लोगों को संबंधित प्लॉट पर सब-डिविजन चार्ज (अलग-अलग क्षेत्र में सर्किल रेट का एक से सात फीसद) भी नहीं देना पड़ेगा।

    अवैध प्लॉटिंग पर डीलर होंगे ब्लैक लिस्ट

    नए नियमों के मुताबिक, अवैध प्लॉटिंग पर न सिर्फ प्रति हेक्टेयर एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा, बल्कि अवैध प्लॉटिंग करने वाले डीलर या व्यक्ति को पूरे प्रदेश में ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद संबंधित व्यक्ति पूरे प्रदेश में किसी भी आवासीय परियोजना में काम नहीं कर पाएगा।

    सड़क के मानक तय

    छोटी प्लॉटिंग में अंदरूनी सड़कों की चौड़ाई 7.5 मीटर रहेगी, जबकि मध्यम श्रेणी की प्लॉटिंग में नौ मीटर सड़क की चौड़ाई होनी जरूरी है।

    प्लॉट से रास्ता देने पर 4.50 मीटर ऊंचाई अतिरिक्त मिलेगी

    यदि कोई सड़क समानांतर रूप से चल रही है और उनको आपस में जोड़ने के लिए यदि कोई व्यक्ति अपने भूखंड से रास्ता देता है तो उसे भवन निर्माण करने पर कम से कम 4.5 मीटर की अतिरिक्त ऊंचाई का लाभ मिलेगा। क्योंकि पहाड़ में सड़क की न्यूनतम चौड़ाई तीन व मैदान में नौ मीटर है। इस तरह मैदान में अतिरिक्त ऊंचाई का लाभ देखें तो भूखंड में इतनी चौड़ाई देने पर उसे अपने भवन की ऊंचाई स्वीकृति से भी 13.5 मीटर बढ़ाने की छूट मिल जाएगी। इस न्यूनतम चौड़ाई से भी अधिक चौड़ाई का मार्ग देने प्रति एक मीटर पर एक मीटर अतिरिक्त लाभ मिलेगा। हालांकि, सामान्यत: ऊंचाई का लाभ संबंधित क्षेत्र में अधिकतम ऊंचाई के अनुरूप ही रहेगा। यदि इसके बाद भी किसी मामले में ऊचांई का लाभ अधिक मिल सकता है तो उसके लिए आइआइटी या उसकी इंपैनल्ड एजेंसी से स्ट्रक्चर को पास कराना जरूरी रहेगा।

    बसेमेंट निर्माण में भी छूट

    बेसमेंट में पार्किंग व्यवस्था को सुगम करने के लिए भी इसके नियमों में छूट दी गई है। अब बेसमेंट निर्माण में अग्र भाग पर 4.5 मीटर व शेष हिस्सों में तीन मीटर जगह छोड़कर निर्माण किया जा सकता है।

    यह होंगे प्लॉटिंग के शुल्क

    -500 से 2000 वर्गमीटर, एक लाख रुपये।

    -2000 से 4000 वर्गमीटर, दो लाख रुपये।

    -प्राधिकरण से लेआउट पास कराने पर, शुल्क के बराबर राशि देय।

    पहाड़ में सड़क की सतह पर पार्किंग देने पर भी छूट

    पर्वतीय क्षेत्रों में पार्किंग को बढ़ावा देने के लिए नए नियम बनाए गए हैं। यदि पर्वतीय क्षेत्रों में किसी व्यक्ति का निर्माण सड़क के नीचे पहाड़ी से खड़ा हो रहा है और उसका एक तल सड़क पर आ रहा तो उस भाग को पार्किंग के लिए देने पर संबंधित व्यक्ति उतना ही अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) का लाभ मिल सकेगा।

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