Move to Jagran APP

coronavirus: उत्तराखंड में जिला योजना राशि की प्राथमिकताएं बदलीं, जानिए क्या हैं ये बदलाव

जिला योजना के लिए जारी 50 करोड़ की किस्त के इस्तेमाल को तीन सूत्रीय फॉर्मेट शासन ने तय कर दिया है।

By Edited By: Published: Wed, 06 May 2020 09:47 PM (IST)Updated: Thu, 07 May 2020 09:31 AM (IST)
coronavirus: उत्तराखंड में जिला योजना राशि की प्राथमिकताएं बदलीं, जानिए क्या हैं ये बदलाव
coronavirus: उत्तराखंड में जिला योजना राशि की प्राथमिकताएं बदलीं, जानिए क्या हैं ये बदलाव

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोविड-19 ने राज्य की बजट प्राथमिकताओं को बदलना शुरू कर दिया है। जिला योजना के लिए जारी 50 करोड़ की किस्त के इस्तेमाल को तीन सूत्रीय फॉर्मेट शासन ने तय कर दिया है। अब इस राशि के 70 फीसद हिस्से का इस्तेमाल वेतन, मानदेय के भुगतान और 30 फीसद कोविड रोकथाम को जिला स्तर पर जरूरी कार्यों और रोजगार सृजन पर किया जाएगा। 

loksabha election banner
कोरोना संक्रमण से बचाव और लॉकडाउन ने राज्य के 2020-21 के बजट की प्राथमिकताएं बदल दी हैं। दैनिक जागरण ने इस संबंध में बीती 29 अप्रैल के अंक में खुलासा कर दिया था। अब सरकार ने जिला योजना के लिए बीती 13 अप्रैल को जारी 50 करोड़ की किस्त के उपयोग की प्राथमिकताओं को बदल दिया है। इस राशि का उपयोग जिलों में छोटे निर्माण और विकास कार्यों में किया जाता रहा है। वित्त सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी किए हैं। 
आदेश में कहा गया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम को देशव्यापी लॉकडाउन के फलस्वरूप वित्तीय संसाधन सीमित हो गए हैं। ऐसे में जिला योजना की उक्त धनराशि से सबसे पहले पीआरडी स्वयंसेवकों और अन्य के पारिश्रमिक या मानदेय भुगतान किया जाएगा। पीआरडी स्वयंसेवकों के मानदेय के भुगतान के बाद अवशेष धनराशि में से 70 फीसद धनराशि चालू और वचनबद्ध कार्यों में उपयोग की जाएगी। शेष 30 फीसद धनराशि का उपयोग कोविड की रोकथाम को जिला स्तर पर गैप एनालिसिस कर इससे संबंधित अन्य कार्य और रोजगार सृजन और संसाधन वृद्धि से संबंधित आवश्यक कार्यो पर किया जाएगा। आदेश में कहा गया कि इसके के अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2020-21 की जिला योजना की संरचना को विस्तृत मार्ग-निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे।
सीएसएस-ईएपी की संपूर्ण राशि विभागों के नियंत्रण में 
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में केंद्रपोषित योजनाओं और बाह्य सहायतित योजनाओं के मानक मदों में संपूर्ण धनराशि को प्रशासनिक विभाग और बजट नियंत्रण अधिकारी के नियंत्रण में रखी है। वित्त सचिव अमित नेगी ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को निर्देश जारी किए हैं। दरअसल चालू वित्तीय वर्ष के कुल बजट की 50 फीसद धनराशि कोविड संक्रमण रोकने को महकमों के नियंत्रण में रखी है। 50 फीसद धनराशि का उपयोग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित मानक मद में मशीन उपकरण, सज्जा व संयंत्र, औषधि व रसायन व आपदा मोचन निधि के लिए रखी गई है।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.