दून में पहाड़ी व्यजंन बन रहे सबकी पसंद, पढ़िए पूरी खबर
देहारदून में चाइनीज इटेलियन और फास्ट फूड से कई गुना ज्यादा पहाड़ी व्यंजन पसंद किए जा रहे हैं।
देहरादून, जेएनएन। समय चाहे कितना ही क्यों न बदल जाए, लेकिन इंसान कभी अपनी मातृभाषा और स्थानीय खाद्य पदार्थों का स्वाद नहीं भूल सकता। यही कारण है कि उत्तराखंड में चाइनीज, इटेलियन और फास्ट फूड से कई गुना ज्यादा पहाड़ी व्यंजन पसंद किए जा रहे हैं।
मंडुवा और जौ की रोटी, कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, मीठा भात, कंडाली का साग, चैंसू, झंगोरे की खीर मिल जाए, तो बात ही अलग है। इन दिनों ये पहाड़ी व्यजंन लोगों की खास पसंद बने हुए हैं। इसके अलावा मीठे की बात करें, तो अल्मोड़ा की बाल मिठाई और झंगोरे की खीर के साथ गुलगुला सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। देहरादून में इन सभी पहाड़ी व्यंजनों की मांग अब बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटक भी यहां पहाड़ी व्यंजन का स्वाद लेना नहीं भूलते और सबसे खास बात यह है कि अगर आपने एक बार पहाड़ी व्यंजन को चख लिया, तो दोबारा यहां आने पर इसकी मांग किए बगैर नहीं रह पाएंगे।
युवा सीख रहे पहाड़ी खाना बनाना, जा रहे कुकिंग क्लास
राजपुर रोड स्थित पहाड़ी रसोई की मालिक पूजा तोमर बताती हैं कि देहरादून में आयोजित विभिन्न फेस्टिवल में पहाड़ी उत्पाद और इनसे बनाए व्यंजनों की मांग होती है। इसलिए वे विभिन्न फेस्टिवल में पहाड़ी व्यंजनों के स्टॉल लगाती हैं। खुशी इस बात से मिलती है कि चाइनीज और इटालियन खाने का स्टॉल लगाने वाले लोगों के मुकाबले उन्हें बेहतर परिणाम मिलते हैं। पूजा ने बताया कि उनके पास छुट्टियों के दौरान काफी युवा पहाड़ी व्यंजनों की कुकिंग क्लास के लिए भी पहुंचते हैं। प्रशिक्षण लेने के बाद वो भी अलग स्टॉल लगाते हैं।
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पहाड़ी छौंक की महक लुभाए
पहाड़ी व्यंजनों में जबतक छौंक (तड़का) ने लगे तो आनंद नहीं आता। अधिकांश व्यंजनों में पहाड़ी जखिया को विशेष महत्व दिया जाता है। सब्जी हो या दाल, जखिया का तड़का लग जाए तो सोने पर सुहागा। इसलिए आज भी लोग पहाड़ी व्यंजन बनाते समय जखिया का तड़का लगाना कभी नहीं भूलते।
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अरसा है गढ़वाल का पारंपरिक व्यंजन
अरसा गढ़वाल का पारंपरिक व्यंजन है, जो हर शादी में बनता है। इसको बनाने के लिए चावल के आटे को गुड में मिलाकर तेल में फ्राई किया जाता है। इसके अलावा चैसोणी, भांग की चटनी, बाड़ी, कंडाली का साग और फाणु भी उत्तराखंड के पारंपरिक पकवान हैं।
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