Move to Jagran APP

प्रदूषण जांच की मार, सुबह तीन बजे से लग रही कतार; लूट रहे प्रदूषण जांच केंद्र संचालक

वाहन में प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र न होने पर 10 हजार रुपये जुर्माने का कड़ा प्रावधान होने किए जाने पर आजकल शहरवासियों की नींद उड़ी हुई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 10 Sep 2019 12:50 PM (IST)Updated: Tue, 10 Sep 2019 08:03 PM (IST)
प्रदूषण जांच की मार, सुबह तीन बजे से लग रही कतार; लूट रहे प्रदूषण जांच केंद्र संचालक
प्रदूषण जांच की मार, सुबह तीन बजे से लग रही कतार; लूट रहे प्रदूषण जांच केंद्र संचालक

देहरादून, अंकुर अग्रवाल। वाहन में प्रदूषण जांच प्रमाण-पत्र न होने पर केंद्र सरकार की ओर से 10 हजार रुपये जुर्माने का कड़ा प्रावधान होने किए जाने पर आजकल शहरवासियों की नींद उड़ी हुई है। स्थिति यह है कि शहर के 19 प्रदूषण जांच केंद्रों पर सुबह से रात तक वाहनों की लंबी कतारें नजर आ रहीं। यही नहीं, लोग सुबह तीन बजे से जांच केंद्र पहुंचकर केंद्र खुलने का इंतजार कर रहे। जांच केंद्रों पर भीड़ को देखते हुए टोकन बांटे जा रहे, जहां आठ से दस घंटे तक भी नंबर नहीं आ रहा। वाहनों की कतारें लगने से जाम की स्थिति भी बन रही। प्रदूषण जांच केंद्र संचालक लूटखसोट पर उतारू हैं व 100 रुपये शुल्क के बजाए 200 रुपये तक शुल्क लिया जा रहा। जांच केंद्रों की सीमित संख्या के कारण जनता भी लाचार है और सरकारी तंत्र विकल्प देने या जांच केंद्रों पर नियंत्रण में विफल साबित हो रहा है।  

loksabha election banner

दरअसल, एक सितंबर से नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद सभी वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाण पत्र अनिवार्य हो गया है। पहले प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र न होने पर एक हजार रुपये जुर्माना लगता था, जो नए अधिनियम में दस गुना बढ़ाकर दस हजार रुपये कर दिया गया है। बीमा न होने पर पहले एक हजार रुपये जुर्माना था, जिसे दोगुना कर दो हजार रुपये किया गया है। अमूमन लोग, पुराने दुपहिया का न तो बीमा कराते हैं, न ही प्रदूषण जांच कराने में रूचि लेते हैं। ऐसे लोगों की चिंता अब बढ़ गई है। भले अभी उत्तराखंड में नया जुर्माना लागू नहीं हुआ है, लेकिन लोग तगड़े जुर्माने से बचने के लिए अब बीमा व प्रदूषण जांच कराने लगे हैं। स्थिति यह है कि वाहनों की संख्या शहर में करीब 10 लाख है व इनकी प्रदूषण जांच के लिए केंद्रों की संख्या महज 19 है। चूंकि, शहर में जांच केंद्र की संख्या सीमित है, लिहाजा केंद्रों पर इन दिनों भारी भीड़ जुट रही।

हर्रावाला निवासी रमेश सिंह ने बताया कि उनके घर के पास मोहकमपुर में ही एकमात्र प्रदूषण जांच केंद्र है। हालात ये है कि सोमवार को रमेश सिंह बाइक की प्रदूषण जांच के लिए वहां सुबह तीन बजे कतार में लग गए। वह अकेले नहीं, बल्कि एक दर्जन लोग उनसे पहले कतार में खड़े थे। रमेश ने बताया कि कतार बढ़ती गई व केंद्र के खुलने से पहले करीब ढाई सौ लोग कतार में लग गए। वाहनों की कतार लगने से हरिद्वार हाइवे पर जाम की स्थिति हो गई और पुलिस को यातायात नियंत्रण करने को पहुंचना पड़ा। सुबह छह बजे केंद्र खुला तो 250 टोकन बांटे गए। किसी का नंबर सुबह छह बजे आया तो किसी का शाम को छह बजे।

यह स्थिति अकेले मोहकमपुर जांच केंद्र की नहीं, बल्कि कमोबेश सभी केंद्रों की है। चाहे पंडितवाड़ी व बिंदाल जांच केंद्र हो या कैनाल रोड व माजरा जांच केंद्र। सभी केंद्रों पर सुबह से रात तक कतारें लग रहीं। लोग अपना दिनभर का कामकाज छोड़कर कतार में लग रहे और टोकन के आधार पर अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे। कतार लगने की शिकायत पर सोमवार सुबह एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे ने पंडितवाड़ी में जांच केंद्र एवं बिंदाल में गुणा वर्कशॉप जांच केंद्र का औचक निरीक्षण भी किया। शिकायत ये भी थी कि केंद्र संचालकों की ओर से जांच में अवैध वसूली हो रही। हालांकि, औचक निरीक्षण में एआरटीओ को अवैध वसूली से संबंधित कोई प्रमाण नहीं मिले।

यह भी पढ़ें: डिजिलॉकर उत्‍तराखंड में है मान्य, बेफिक्र हो गाड़ी चलाएं, पढ़ि‍ए पूरी खबर

जांच बगैर प्रमाण पत्र की शिकायत

एआरटीओ को शिकायत मिली थी कि कुछ केंद्र संचालक प्रदूषण जांच किए बिना ही गाड़ी की नंबर प्लेट की फोटो कर जांच प्रमाण पत्र दे रहे। मोहकमपुर स्थित केंद्र पर इस तरह की शिकायत पर जांच भी कराई गई। एआरटीओ ने बताया कि प्रदूषण जांच किए बिना अब प्रमाण पत्र दिया ही नहीं जा सकता। चूंकि, यह मशीन वाहन साफ्टवेयर से जुड़ी है और पूरा रिकार्ड ऑनलाइन होता है। एआरटीओ ने कहा कि अगर कोई केंद्र संचालक इस तरह की गड़बड़ी कर रहा है तो उसकी शिकायत आरटीओ में करें।

यह भी पढ़ें: ब्रेफिक्र रहें, अभी नहीं हो रहा है वाहनों का चालान Dehradun News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.