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आनलाइन अर्निंग एप पर पैसे दोगुने होने के झांसे में जीवनभर की कमाई गंवा रहे लोग

बिना कुछ किए बैठे-बिठाए पैसा कमाने का लालच कितना भारी पड़ता है यह उनसे पूछिये जो साइबर ठगों के जाल में फंसकर जीवनभर की कमाई गंवा देते हैं। लालच ही एकमात्र कारण है जो साइबर ठगों का हौसला बढ़ाता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 10:35 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 10:35 AM (IST)
आनलाइन अर्निंग एप पर पैसे दोगुने होने के झांसे में जीवनभर की कमाई गंवा रहे लोग
आनलाइन अर्निंग एप पर पैसे दोगुने होने के झांसे में जीवनभर की कमाई गंवा रहे लोग।

विजय जोशी, देहरादून। बिना कुछ किए बैठे-बिठाए पैसा कमाने का लालच कितना भारी पड़ता है, यह उनसे पूछिये जो साइबर ठगों के जाल में फंसकर जीवनभर की कमाई गंवा देते हैं। लालच ही एकमात्र कारण है, जो साइबर ठगों का हौसला बढ़ाता है। 250 करोड़ की साइबर ठगी वाकई चौंकाने वाली है, लेकिन डिजिटल प्लेटफार्म पर दुनियाभर के लोग पैसा लगाते हैं और शातिर उन्हें चूना। पुलिस और साइबर एक्सपर्ट हमेशा इस प्रकार के लुभावने एप से दूर रहने की सलाह देते हैं।

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ऐसे करें पहचान

आनलाइन अर्निंग एप अविश्वसनीय होते हैं। ऐसे एप की पहचान भी आसानी से की जा सकती है। सबसे पहले को आपको यह एप के फीचर्स बेहतर साधारण प्रकार के प्रतीत होंगे। संचालक और संस्थापक की कोई जानकारी नहीं दी गई होगी। काम का पूरा ब्योरा नहीं होगा। पंजीकरण विवरण नहीं मिलेगा। कोई उचित संपर्क विवरण नहीं दिया होगा।

इंटरनेट मीडिया से फंसाते हैं चंगुल में

इस प्रकार के एप इंटरनेट मीडिया के जरिये शिकार को फंसाते हैं। प्रलोभन वाले विज्ञापन प्रदर्शित किए जाते हैं, जिन्हें कम से कम 30 फीसद लोग क्लिक कर विजिट कर लेते हैं। पैसे दोगुने करने या अन्य प्रकार के प्रलोभन के चक्कर में लोग इन एप में पैसा लगा देते हैं।

दो से तीन माह होती है लाइफ

पावर बैंक जैसे आनलाइन अर्निग एप की उम्र महज दो से तीन माह होती है। आइटी एक्सपर्ट अंकुर चंद्रकांत बताते हैं कि लालच देकर जनता को फंसाने वाले ऐसे एप ज्यादा समय तक नहीं टिकते। यह निवेशकों का पैसा लेकर दो से तीन माह में ही गायब हो जाते हैं।

25 संदिग्ध एप पर उत्तराखंड एसटीएफ की नजर

उत्तराखंड एसटीएफ साइबर ठगी की शिकायत मिलने के बाद से ही संदिग्ध एप की निगरानी कर रही थी। पावर बैंक समेत कुल 25 एप पर नजर थी, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। इस प्रकार की कुल 20 शिकायतें भी देशभर में आ चुकी हैं। जिनकी जांच की जा रही है। वहीं, आरोपित पवन पांडेय के खाते में लाखों की ट्रांजेक्शन से ही एसटीएफ को उस पर संदेह हुआ। जिसके बाद उसकी निगरानी की गई।

गूगल प्ले स्टोर पर आसानी से उपलब्ध

कोई भी व्यक्ति जो कोडिंग जानता हो, घर बैठे एप तैयार कर गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड कर सकता है। जीमेल अकांउट के जरिये गूगल एप डेवलपर की मदद से एप तैयार कर सकते हैं और 48 घंटे के भीतर यह एप प्ले स्टोर पर नजर आ जाता है। इसके बाद इसमें नियमित अपडेट किया जा सकता है।

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