उत्तराखंड : हर साल सुलगता है औसतन 2037 हेक्टेयर वन क्षेत्र
उत्तराखंड में प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर वन संपदा आग की भेंट चढ़ रही है। वर्ष 2008 से 2020 तक के आंकड़ों पर ही गौर करें तो इस अवधि में यहां के जंगलों में आग की 13243 घटनाओं में 26479.73 हेक्टेयर जंगल को क्षति पहुंची है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। 71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में जंगलों पर आग भारी पड़ रही है। प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर वन संपदा आग की भेंट चढ़ रही है। वर्ष 2008 से 2020 तक के आंकड़ों पर ही गौर करें तो इस अवधि में यहां के जंगलों में आग की 13243 घटनाओं में 26479.73 हेक्टेयर जंगल को क्षति पहुंची है। इस हिसाब से देखें तो हर साल औसतन 2037 हेक्टेयर जंगल धधकता है।
इस मर्तबा तो सर्दियों से ही वनों के सुलगने से वन महकमे की पेशानी पर बल पड़े हैं कि अभी से ये हाल है तो गर्मियों में क्या होगा। हालांकि, इस सबको देखते हुए वन महकमे ने आग से बचाव के मद्देनजर तैयारियां तेज कर दी हैं। सभी वन प्रभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वन क्षेत्रों में कंट्रोल बर्निंग, फायर लाइनों की सफाई, कंट्रोल रूम व क्रू-स्टेशनों में कार्मिकों की तैनाती के साथ ही जनजागरण की मुहिम तेज की गई है। निरंतर मानीटङ्क्षरग की जा रही है।
उत्तराखंड में वनों की आग
- वर्ष, घटनाएं, प्रभावित क्षेत्र
- 2008, 874, 2369.12
- 2009, 1608, 4115.50
- 2010, 789, 1610.82
- 2011, 150, 231.75
- 2012, 1328, 2823.89
- 2013, 245, 384.05
- 2014, 515, 930.33
- 2015, 412, 701.61
- 2016, 2074, 4422.75
- 2017, 805, 1244.64
- 2018, 2150, 4480.03
- 2019, 2158, 2981.55
- 2020, 135, 172.69 (जनवरी से सितंबर)
- 2021, 314, 391.72 (एक अक्टूबर 2020 से अब तक)
- (नोट: घटनाएं संख्या में और प्रभावित हेक्टेयर में)
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