फिलहाल आरटीओ में ही लगाई जाएंगी नंबर प्लेट, जानिए वजह
एक अप्रैल से पूर्व बाजार में आ चुके वाहनों की नंबर प्लेट पूर्व की तरह आरटीओ कार्यालय के परिसर में ही लगेगी।

देहरादून, जेएनएन। वाहन की हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर मची गफलत में कई शोरूम में ग्राहकों और शोरूम मालिकों के दरमियां बहस हुई। दरअसल, केंद्र सरकार ने नया नियम बनाया है कि एक अप्रैल 2019 के बाद निर्मित वाहनों में नंबर प्लेट शोरूम में ही लगेगी। यानी, एक अप्रैल से पूर्व बाजार में आ चुके वाहनों की नंबर प्लेट पूर्व की तरह आरटीओ कार्यालय के परिसर में ही लगेगी। अभी नया लॉट आने में करीब दो माह का समय लग सकता है, ऐसे में नई व्यवस्था मई के अंत तक ही लागू होगी।
आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि भ्रामक जानकारी के चलते शोरूम मालिक और ग्राहकों को दो दिन से परेशानी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, यह जानकारी दी जा रही थी कि एक अप्रैल से सभी नए वाहनों की नंबर प्लेट शोरूम में ही लगाई जाएगी, जबकि केंद्र सरकार के आदेश में स्पष्ट है कि यह व्यवस्था एक अप्रैल के बाद बनाए गए नए वाहनों पर ही लागू होगी। जनवरी से मार्च तक का बड़ा लॉट अभी शोरूम में है और अप्रैल में बना लॉट डेढ़ से दो माह के अंतराल में यहां पहुंचेगा।
मौजूदा समय में लिंक उत्सव हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए दोपहिया स्वामी से 245 रुपये व चौपहिया स्वामी से 424 रुपये का शुल्क लेती है। इसमें प्लेट बनाने से लेकर प्लेट लगाने तक का कार्य शामिल है। उत्तराखंड में वर्ष 2012 से ही वाहनों में ऐसी नंबर प्लेट लगाई जा रही है। आरटीओ पठोई ने बताया कि वाहन स्वामी अपने यहां सूचना अंकित कर दें कि, एक अप्रैल के बाद बने वाहनों पर ही नंबर प्लेट शोरूम की तरफ से लगाई जाएगी।
लिंक उत्सव बना रही नंबर प्लेट
अभी प्रदेश में केवल एक ही एजेंसी लिंक उत्सव हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का निर्माण कर रही है। कंपनी के गढ़वाल और कुमाऊं में प्लांट हैं। सभी जगह आरटीओ और एआरटीओ कार्यालय परिसर में लिंक उत्सव के काउंटर हैं और वहीं शुल्क जमा कर तय समय-सीमा में नंबर प्लेट उपलब्ध कराई जाती है।

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