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    अब प्रदूषण जांच को लेकर नहीं मचेगी मारामारी, इस नंबर पर फोन कर बुक कराएं समय

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Sun, 15 Sep 2019 09:07 PM (IST)

    अब परिवहन विभाग ने मोबाइल जांच वैन को भी मंजूरी देनी शुरू कर दी है जो कॉल पर आपके घर आकर वाहन की प्रदूषण जांच करेगी।

    अब प्रदूषण जांच को लेकर नहीं मचेगी मारामारी, इस नंबर पर फोन कर बुक कराएं समय

    देहरादून, जेएनएन। नया मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद सबसे ज्यादा मारामारी सिर्फ वाहन के लिए प्रदूषण जांच को लेकर मची हुई है। दून में सुबह तीन बजे से रात आठ बजे तक लोग कतार में लगे होकर वाहन की प्रदूषण जांच करा रहे हैं। यहां महज 19 प्रदूषण जांच केंद्र हैं। लोगों की लंबी कतार को देख अब परिवहन विभाग ने मोबाइल जांच वैन को भी मंजूरी देनी शुरू कर दी है, जो कॉल पर आपके घर आकर वाहन की प्रदूषण जांच करेगी। यह पहला चलता फिरता मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्र बालावाला निवासी संतोष सिंह ने परिवहन विभाग के मदद से खोला है। 

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    प्रदूषण जांच को लेकर मची मारामारी के बाद परिवहन विभाग ने नए जांच केंद्रों को खोलने के लिए प्रक्रिया काफी शिथिल कर दी है। इसी के मद्देनजर मोबाइल जांच वैन को भी अनुमति दी जा रही है। इसके साथ ही सभी पेट्रोल पंपों और बस अड्डों पर भी प्रदूषण जांच केंद्र खोले जा रहे हैं।

    प्रदूषण जांच के लिए पहली मोबाइल वैन संचालित करने वाले संतोष ने बताया कि उनके पास कॉल के जरिए अगले सात-आठ दिनों की एडवांस बुकिंग आ चुकी है। संतोष ने कहा कि वह उसी दर पर प्रदूषण जांच रहे हैं जो परिवहन विभाग ने तय की हुई है। मोबाइल वैन उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो लोग प्रदूषण जांच केंद्रों पर नहीं जा सकते या अपने काम में काफी व्यस्त हैं। संतोष ने बताया कि उनका नंबर 9719048403 है। इस पर संपर्क कर लोग एडवांस बुकिंग कर सकते हैं। 

    प्रदूषण जांच केंद्र खोलने को मारामारी 

    जो प्रदूषण जांच केंद्र पहले खाली रहते थे आजकल उन्हें खोलने के लिए मारामारी हो रही। महज 14 दिन में परिवहन विभाग के पास 250 आवेदन आ चुके हैं। विभाग की ओर से नियम शिथिल कर जांच व पड़ताल के महज एक हफ्ते में ही जांच केंद्र खोलने की मंजूरी दी जा रही।

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    इसके लिए विभाग में 25 हजार रुपये की सिक्युरिटी राशि जमा करानी पड़ेगी। फिर, डीजल-पेट्रोल जांच केंद्र के लिए आठ हजार रुपये फीस है और मंजूरी पांच साल के लिए दी जा रही। पांच साल बाद मंजूरी का नवीनीकरण कराया जा सकता है। आवेदन परिवहन आयुक्त दफ्तर में किए जा रहे। आरटीओ की ओर से जांच केंद्र का भौतिक सत्यापन कर प्रमाण-पत्र दिया जाता है। 

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