CLAT 2020: अब 50 फीसदी अंक वाले भी कर पाएंगे एलएलएम, पढ़िए पूरी खबर
क्लैट-2020 के एलएलएम कोर्स में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता में बदलाव किया गया है।
देहरादून, जेएनएन। संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट-2020) के एलएलएम कोर्स में दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता में बदलाव किया गया है। इसके तहत 50 फीसदी अंक से एलएलबी उत्तीर्ण विद्यार्थी भी अब आवेदन कर सकते हैं। साथ ही राष्ट्रीय विधि विवि कंसोर्टियम ने एलएलएम में दाखिले के लिए क्लैट के पहले प्रश्नपत्र में 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य कर दिया है।
राष्ट्रीय विधि विवि कंसोर्टियम ने क्लैट-2020 के लिए काफी बदलाव किए हैं। उसने जहां एक ओर प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन कराने का फैसला किया, तो वहीं दूसरी ओर प्रश्न पत्र के स्वरूप में व्यापक परिवर्तन किया गया है। जानकारी के अनुसार एलएलएम में दाखिले के लिए क्लैट का पहले प्रश्न पत्र (वस्तुनिष्ठ प्रश्न पत्र) को उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके लिए विद्यार्थी को 40 फीसदी अंक लाना होगा। इसके बाद ही दूसरे प्रश्न पत्र (वर्णनात्मक प्रश्न पत्र) का मूल्यांकन किया जाएगा और फिर मेरिट मनाई जाएगी।
पांच फीसदी अंक की कटौती
अभी तक एलएलएम में दाखिले के लिए एलएलबी 55 फीसदी अंक के साथ उत्तीर्ण करना अनिवार्य था। अब इसमें पांच फीसदी अंक की कटौती कर दी गई है। इसके अनुसार एलएलबी में 50 फीसदी अंक लाने वाले विद्यार्थी भी एलएलएम में दाखिले के लिए क्लैट में बैठ सकते हैं। एससीएसटी विद्यार्थियों के लिए 45 फीसदी अंक एलएलबी में होना जरूरी है।
जेईई-मेन की आंसर-की और ओएमआर शीट जारी
जेईई-मेन जनवरी सत्र की आंसर-की और ओएमआर शीट जारी कर दी गई हैं। परीक्षा का आयोजन छह से नौ जनवरी तक किया गया था। तब से ही अभ्यर्थियों को आंसर-की जारी होने का इंतजार था। अभ्यर्थी जेईई मेन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आंसर-की और ओएमआर शीट डाउनलोड कर सकते हैं। आंसर-की जारी होने के बाद अभ्यर्थियों को उस पर आपत्ति दर्ज करने का भी मौका दिया गया है। आपत्ति दर्ज करने के लिए ऑनलाइन विंडो बुधवार तक खुली रहेगी। अभ्यर्थी 15 जनवरी की रात 11.50 बजे तक आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। आपत्ति दर्ज करने के लिए प्रति सवाल एक हजार रुपये शुल्क देना होगा। सभी आपत्तियों की जांच और निराकरण के बाद एनटीए फाइनल आंसर-की जारी करेगा। उसी के आधार पर परिणाम भी जारी किए जाएंगे।
दून मेडिकल कॉलेज में शुरू होगा एमडी
प्रदेश में पीजी करने वाले चिकित्सकों के लिए एक अच्छी खबर है। दून मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के बाद अब एमडी भी शुरू होने जा रही है। कॉलेज प्रशासन ने एमडी की 23 सीटों के लिए आवेदन किया है, जिसके तहत एमसीआइ की टीम ने मंगलवार को कॉलेज का निरीक्षण किया। टीम ने अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में तमाम व्यवस्थाएं देखी।
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प्रदेश में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 70, जबकि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पीजी की चार सीट हैं। इसके अलावा एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज में 95 व हिमालयन इंस्टीट्यूट जौलीग्रांट में 80 सीटें हैं। इनमें 50 फीसद पर अखिल भारतीय व 50 फीसद पर राज्य कोटा के तहत दाखिले दिए जाते हैं। अब प्रदेश के तीसरे राजकीय मेडिकल कॉलेज दून मेडिकल कॉलेज में भी पीजी की कवायद शुरू कर दी गई है। विदित हो कि वर्ष 2016 में एमबीबीएस की 150 सीटों के साथ दून मेडिकल कॉलेज अस्तित्व में आया था। इस साल यहां एमबीबीएस के पांचवें बैच के दाखिले होंगे। जिसके लिए एमसीआइ पहले ही निरीक्षण कर चुकी है।
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इस बीच मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पीजी के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी है। प्रथम चरण में कॉलेज प्रशासन ने एमडी की 23 सीटों के लिए आवेदन किया है। इसी क्रम में एमसीआइ की टीम ने कॉलेज का निरीक्षण किया। प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कम्युनिटी मेडिसिन की सात, एनाटॉमी की तीन, फार्माकोलॉजी की छह और पैथोलॉजी की सात सीटों के लिए आवेदन किया गया है। उन्होंने बताया कि एमसीआइ टीम ने आवश्यक सुविधा और संसाधनों की जांच की। टीम के सदस्य काफी हद तक संतुष्ट दिखे हैं। एमडी की मान्यता मिलने से प्रदेश के युवाओं के पास ज्यादा विकल्प होंगे। वह सरकारी कॉलेज से कम शुल्क में पीजी कर पाएंगे।
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