अब 62 साल की उम्र में भी बन सकेंगे प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर, फैकल्टी की कमी हो सकेगी दूर
उत्तराखंड में अब 62 वर्ष की आयु तक के व्यक्ति भी प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर बन सकेंगे। इस निर्णय से राज्य में फैकल्टी की कमी को दूर करने में मदद मिल ...और पढ़ें

अभी तक 50 वर्ष थी इन पदों पर आवेदन करने की समय सीमा। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में अब प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की कमी दूर हो सकेगी। इसके लिए कैबिनेट ने मेडिकल कालेजों में प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की निर्धारित उम्र सीमा में संशोधन करते हुए इसे 50 वर्ष से 62 वर्ष कर दिया है। साथ ही नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों के अनुसार सुपर स्पेशियलिटी सर्विसेज के लिए भी अलग विभाग बनाए गए हैं।
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा शिक्षा सेवा संशोधन नियमावली प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि प्रदेश में अभी मेडिकल कालेजों में प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के तकरीबन 40 प्रतिशत पद खाली चल रहे हैं। अभी यह देखा गया कि कि 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले आवेदक इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर पाते।
इस कारण मेडिकल कालेजों को प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर नहीं मिल पा रहे हैं। मेडिकल कालेजों में अभी प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसरों की रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष है। ऐसे में इनके आवेदन करने की आयु बढ़ा कर 62 वर्ष की जा सकती है। इसे कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
पर्वतीय व दुर्गम क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों को मिलेगा 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता
कैबिनेट ने प्रदेश के पर्वतीय, दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रो में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती के संबंध में भी एक अहम निर्णय लिया है। इसके तहत यहां तैनात होने वाले विशेषज्ञ चिकित्सकों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता दिया जाएगा।
दरअसल, पर्वतीय क्षेत्रों में जाने वाले चिकित्सकों को आवास और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक व्यय करना पड़ता है। इस कारण विशेषज्ञ चिकित्सक इन क्षेत्रों में जाने से हिचकते हैं। अब उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें 50 प्रतिशत अतिरिक्त भत्ता देने का निर्णय लिया गया है।
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यह भत्ता वेतन मेट्रिक्स लेवल में न्यूनतम वेतनमान का 50 प्रतिशत होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि रिटायरमेंट के बाद पेंशनर लाभ की गणना में इसे शामिल नहीं किया जाएगा। यह केवल क्लीनिकल कार्य करने वाले चिकित्सकों पर ही लागू होगा। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से मैदानी क्षेत्रों में संबद्ध चिकित्सकों को यह भत्ता नहीं दिया जाएगा।
श्रीनगर मेडिकल कालेज के संविदा कर्मियों का मसला उप समिति को सौंपा
राजकीय मेडिकल कालेज, श्रीनगर में कार्यरत संविदा, दैनिक वेतन, नियत वेतन एवं प्रबंधन समिति के माध्यम से कार्यरत 277 कार्मिकों को समान पद समान वेतन देने पर मंत्रिमंडल की उपसमिति विचार करेगी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने इस मंत्रिमंडल की उप समिति के हवाले करने का निर्णय लिया है।

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