ड्रोन अब केवल एक फ्लाइंग मशीन नहीं, होता है बहुआयामी इस्तेमाल
इंडिया ड्रोन फेस्टिवल के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ड्रोन अब केवल एक फ्लाइंग मशीन नहीं है इसका अब बहुआयामी इस्तेमाल है।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में पहली बार अखिल भारतीय ड्रोन फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। मंगलवार को सहस्रधारा रोड स्थित आइटी पार्क में दो दिवसीय फेस्टिवल शुरू हो गया। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया।
ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर व इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन अब केवल एक फ्लाइंग मशीन नहीं है। इसका अब बहुआयामी इस्तेमाल है। स्वास्थ्य, सुरक्षा, सर्वे, आपदा प्रबंधन, ट्रैफिक कंट्रोल, नदियों की देखरेख समेत तमाम क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। यही नहीं भविष्य में इसके कई उपयोग व प्रयोग होंगे।
उन्होंने कहा कि देहरादून में देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। उत्तराखंड डिफेंस मैनुफैक्चरर्स एंड सप्लायर्स एसोसिएशन का गठन भी यहां हुआ है। जिससे भविष्य में रोजगार के कई अवसर खुलेंगे। सीएम ने कहा कि इस तरह का आयोजन में युवाओं की भागीदारी जरूरी है। युवा देश का भविष्य हैं, इस तरह के कार्यक्रमों में सम्मलित होकर वह देश-प्रदेश की तरक्की में अहम भूमिका निभाएंगे। इस तरह के प्रशिक्षण से युवाओं व तकनीकी शिक्षा में बड़ा फायदा होगा और रोजगार के साधन बढ़ेंगे। मसूरी विधायक गणेश जोशी ने कहा कि वर्तमान समय में ड्रोन की उपयोगिता कई गुना बढ़ी है।
कहा कि भारतीय वायु सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में बमबारी की है। इस कार्रवाई से पहले पूरे इलाके की रेकी की गई होगी। जिसमें जाहिर तौर पर ड्रोन का इस्तेमाल किया गया होगा। प्रदेश में यह तकनीक आपदा, कृषि, ट्रैफिक कंट्रोल व सर्वे के लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। इस दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के निदेशक डीएस चमोला, यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड इनर्जी स्टडीज के निदेशक अरुण ढांढ, राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन से ग्रुप कैप्टन रजत द्विवेदी, आइटीडीए के वित्त नियंत्रक मनीष कुमार उप्रेती आदि उपस्थित रहे।
हरिद्वार कुंभ में मदद को तैयार
सर्वेयर जनरल ले. जनरल गिरीश कुमार ने कहा कि सर्वे आफ इंडिया एक लंबे अर्से से ड्रोन बेस्ड सेंसर का इस्तेमाल कर रहा है। हाल में सर्वे आफ इंडिया ने प्रयागराज में कुंभ में 15 दिन के भीतर 5-10 सेमी एक्यूरेसी का मैप बनाकर दिया। जिसकेमाध्यम से कारगर व्यवस्थाएं बनाने में मदद मिली। अगर राज्य सरकार चाहे तो हम हरिद्वार में होने वाले कुंभ में भी इस तरह की मदद दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया का मुख्यालय दून में है और हम उत्तराखंड के विकास में हर संभव सहयोग देंगे।
प्रदेश में बने ड्रोन की निर्माण इकाई
आइटी सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि आपदा के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियां भी कई स्तर पर चुनौतियां पेश करती हैं। ऐसे में ड्रोन तकनीक की उपयोगिता कई ज्यादा बढ़ जाती है। प्रदेश में ड्रोन के लिए एक निर्माण इकाई स्थापित करने की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री से की।
ड्रोननगरी बनेगी द्रोणनगरी
डीजी कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि आपदा राहत, भीड़ प्रबंधन से ट्रैफिक कंट्रोल तक में ड्रोन उपयोगी है। वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने जा रहे कुंभ में यह खासा मददगार बन सकता है। इसके अलावा इसे आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से जोड़कर भी कई तरह से उपयोग में लाया जा सकता है। आइटीडीए के निदेशक अमित सिन्हा ने कहा कि अगर वर्ष 2013 की आपदा के वक्त ड्रोन का इस्तेमाल होता तो हम और बेहतर ढंग से बचाव एवं राहत कार्य कर पाते। द्रोणनगरी को ड्रोननगरी बनाने की बात उन्होंने कही। कहा कि प्रदेश को ड्रोन के निर्माण एवं अनुसंधान का हब बनाना है।
विजेता को एक लाख का पुरस्कार
ड्रोन फेस्टिवल में ड्रोन की पांच अलग-अलग श्रेणियों की प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। जिसमें ड्रोन दौड़, इमेज एनालिसिस, धनवंतरी, ड्रोन पे लोड चैलेंज, फ्लाइंग आइज शामिल है। प्रत्येक श्रेणी की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार एक लाख और द्वितीय पुरस्कार 50 हजार रुपये का दिया जाएगा।
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