Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में इस बार सूखा रहा नवंबर, सर्द रातों ने भी ढाया सितम
उत्तराखंड में इस नवंबर सूखा रहा। जिससे किसान परेशान हैं। सर्द रातों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। तापमान सामान्य से नीचे चला गया है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की चेतावनी दी है। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

सांकेतिक तस्वीर।
विजय जोशी, जागरण देहरादून: उत्तराखंड में इस बार नवंबर लगभग सूखा रहा। वैसे तो नवंबर को वर्ष का सबसे कम बारिश वाला महीना माना जाता है, लेकिन तब भी इस बार पूरे महीने में प्रदेश में औसत वर्षा सामान्य 6.4 मिमी के मुकाबले मात्र 0.1 मिमी रही, जो 98 प्रतिशत कम है।
इसके बावजूद इस बार रातें ज्यादा सर्द रहीं। पिछले पांच साल में इस वर्ष न्यूनतम तापमान सबसे कम रिकार्ड किया गया। अब आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज बदलने और पारे के गोता लगाने की आशंका है।
नवंबर में प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सूखा रहा। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, देहरादून, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी में नवंबर में एक बूंद भी वर्षा नहीं हुई। इन सभी जिलों में वर्षा 100 प्रतिशत कम रही।
चमोली में केवल 0.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि इसका सामान्य आंकड़ा 7.3 मिमी है, यानी 92 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। पिथौरागढ़ में 0.2 मिमी बारिश (सामान्य 9.7 मिमी) रही, जो 98 प्रतिशत कमी दर्शाती है।
ऊधम सिंह नगर में 0.1 मिमी वर्षा (सामान्य 8.3 मिमी) यानी 99 प्रतिशत की कमी रही। मौसम केंद्र के अनुसार, नवंबर महीना इस बार असामान्य रूप से शुष्क रहा। पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता कम होने और मौसम के स्थिर रहने के कारण ज्यादातर जिलों में बारिश नहीं हुई। इन परिस्थितियों से सर्दी के पैटर्न पर प्रभाव पड़ सकता है।
वर्ष 2020 के बाद नवंबर में सर्वाधिक ठंड
उत्तराखंड में इस बार नवंबर में दिन और तापमान में भारी अंतर देखने को मिला। शुष्क मौसम में चटख धूप खिलने से अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना रहा और न्यूनतम तापमान सामान्य से कम बना रहा। शनिवार की रात न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो कि वर्ष 2020 के बाद नवंबर में सबसे कम है।

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