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श्रीदेव सुमन विवि के नए कैंपस में बहुरेंगे विज्ञान संकाय के दिन Dehradun News

ऋषिकेश स्थित पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नए कैंपस में विज्ञान संकाय के जर्जर भवन के स्थान पर नए भवन का निर्माण होगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 03:04 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 07:21 AM (IST)
श्रीदेव सुमन विवि के नए कैंपस में बहुरेंगे विज्ञान संकाय के दिन Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश स्थित पंडित ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नए कैंपस में विज्ञान संकाय के जर्जर भवन के स्थान पर नए भवन का निर्माण होगा। नए कैंपस में चले रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेते हुए विवि के कुलपति डॉ. यूएस रावत ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुनर्निर्माण कार्य पूरे होते ही विवि के नए कैंपस में पढ़ाई और अकादमिक कार्य शुरू हो जाएंगे। 

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विदित रहे कि प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंद वद्र्धन ने इसी वर्ष बीते छह अगस्त  को शासनादेश जारी कर श्रीदेव सुमन विवि के ऋषिकेश में नए कैंपस को मंजूरी दे दी थी। इस कैंपस से देहरादून जिले के पांच राजकीय महाविद्यालय सहित डेढ़ दर्जन संबद्ध उच्च शिक्षा संस्थानों को प्रशासनिक और अन्य कई लाभ मिलेंगे। गढ़वाल और देहरादून के केंद्र में स्थित इस नए कैंपस से निकट भविष्य में हजारों छात्रों को लाभ मिलेगा। श्रीदेव सुमन विवि का अभी तक एक कैंपस राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर है। 

अब सरकार ने दूसरे कैंपस के रूप में पीएलएम कॉलेज ऋषिकेश को मंजूरी दी है। इससे पहले 18 जुलाई 2019 को विवि की शैक्षिक परिषद ने इसकी मंजूरी दे दी थी। सरकार की ओर से शासनादेश जारी होने के बाद विवि के कुलपति ने विवि के कुलाधिपति व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य से भेंट कर विवि के नए कैंपस का मास्टर प्लान से लेकर भविष्य में उत्तराखंड के छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर चर्चा की थी। 

श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डॉ. यूएस रावत ने बताया कि पीएलएम डिग्री कॉलेज के 49 एकड़ भूमि में विवि का सभागार, सेमीनार हॉल, पुस्तकालय, प्रशासनिक भवन, छात्रावास, टीचर्स कॉलोनी, शोध और नवाचार केंद्र, कैंपस की चहारदीवारी, सौंदर्यीकरण आदि कार्य किए जा रहे हैं। 

विज्ञान संकाय जर्जर पुनर्निर्माण की दरकार 

कुलपति ने बताया कि मुआयना करने के बाद पाया गया कि विज्ञान संकाय जिनमें वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, जन्तु विज्ञान विभाग का भवन जर्जर है और बारिश के दौरान दीवारों से पानी भी आ रहा है। इस समस्या को देखते हुए तत्काल पुनर्निर्माण के आदेश दिए गए। विवि परिसर में आधुनिक डिजीटल प्रयोगशाला बनकर तैयार हो गई है। सेमीनार हॉल और ऑडिटोरियम भी लगभग तैयार है। 

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कॉलेज को नैक से बी ग्रेड प्राप्त 

वर्ष 1973 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश राज्य के इस कॉलेज की ऋषिकेश में स्थापना की गई थी। वर्तमान में महाविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रम में बीए, बीएससी, बीकॉम व स्नातकोत्तर में एमएम, एमएससी व एमकॉम में करीब 32 सौ छात्र-छात्राएं हैं। महाविद्यालय में 65 फैकल्टी हैं। जिसमें एसोसिएट प्रवक्ता और सहायक प्रवक्ता भी पर्याप्त संख्या में हैं

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