Citizenship Amendment Act: मुंह पर काली पट्टी और हाथ में रस्सी बांध किया सीएए के खिलाफ प्रदर्शन
परेड ग्राउंड में मुंह पर काली पट्टी और हाथ में रस्सी बांधकर मुस्लिम सेवा संगठन की अगुआई में आए लोगों ने प्रदर्शन किया।
देहरादून, जेएनएन। मुस्लिम सेवा संगठन की अगुआई में मुस्लिम समाज ने रविवार को परेड ग्राउंड में मुंह पर काली पट्टी और हाथ में रस्सी बांधकर प्रदर्शन किया। संगठन के नेताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि नागरिकता संशोधन कानून में पड़ोसी देशों के मुसलमानों को भी शामिल किया जाए। एनआरसी को पूरे देश में लागू न किया जाए और एनपीआर को पुराने फार्मेट पर ही तैयार किया जाए। संगठन ने धरना स्थल पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश में अल्पसंख्यक कहे जाने वाले हिंदू, बौद्ध, जैन और पारसी धर्म के लोगों को शामिल किया है। यह स्वागत योग्य है, लेकिन चीन, नेपाल और म्यामांर में मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं और वहां उन पर अत्याचार हो रहे हैं। महासचिव आसिफ हुसैन ने कहा कि एनआरसी को पूरे देश में लागू न किया जाए।
वहीं, एनपीआर के फार्मेट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि नए फार्मेट में 54 सवालों की फेहरिस्त है, जबकि पूर्व में एनपीआर के लिए जो प्रस्ताव तैयार किया गया था। उसमें दस या बारह सवाल थे। एनपीआर लागू हो, लेकिन पुराने फार्मेट पर। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सच्चान ने कहा कि केंद्र सरकार देश को धर्म और जाति के आधार पर बांटना चाहती है।
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उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर ने कहा कि सीएए व एनआरसी पर विरोध जारी रहेगा। संगठन ने एलान किया कि उनकी मांगों पर केंद्र सरकार विचार नहीं करती है तो आगे आंदोलन और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में संगठन के सचिव सद्दाम हुसैन, हुसैन अहमद व बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौजूद रहे।
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