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बैकलॉग के पदों पर भर्ती होने पर इंप्लाइज एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज एसोसिएशन ने बैकलॉग के पदों पर भर्ती न करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 09:16 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 09:16 AM (IST)
बैकलॉग के पदों पर भर्ती होने पर इंप्लाइज एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी
बैकलॉग के पदों पर भर्ती होने पर इंप्लाइज एसोसिएशन ने दी आंदोलन की चेतावनी

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज एसोसिएशन ने बैकलॉग के पदों पर भर्ती न करने समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है। फेडरेशन ने कहा कि तीन जनवरी को हुई आक्रोश रैली में मुख्यमंत्री के ओएसडी जेसी खुल्बे ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे, लेकिन पांच महीने का वक्त गुजर जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों में फिर से आक्रोश पनपने लगा है।

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फेडरेशन के ऑनलाइन बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष करमराम ने कहा कि एससी-एसटी समाज के हजारों बीएड, टीईटी, बीटेक, लैब टेक्नीशियन, डिप्लोमा प्राप्त बेरोजगार बैकलॉग के पदों पर भर्ती शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंदु कुमार कमेटी और जस्टिस इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए, जिससे सरकारी सेवाओं में एससी-एसटी का प्रतिनिधित्व स्पष्ट हो। 

फेडरेशन ने सफाई कर्मियों के पदों को पुनर्जीवित करते हुए संविदा और ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने, सफाई कर्मियों के मृतक आश्रितों को तत्काल नौकरी देने, उत्तराखंड स्थापना दिवस एक नवंबर 2000 मानते हुए जनजाति का रोस्टर शून्य मानकर सीधी भर्ती की जाए। 

वहीं, उत्तराखंड राजकीय प्रारंभिक शिक्षा सेवा नियमावली 2012 के नियम 3(ग) के तहत शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति की तिथि के आधार पर पदोन्नति दी जाए। बैठक में कुमाऊं मंडल अध्यक्ष जीएल टम्टा, अल्मोड़ा अध्यक्ष एमएस माथुर, ऊधमसिंहनगर अध्यक्ष नवल सिंह आजाद, उत्तरकाशी के अध्यक्ष सीएल भारती, चमोली के अध्यक्ष विक्रम शाह, कर्णप्रयाग के अध्यक्ष विजय भैरवाण, हरिद्वार से फेडरेशन के सलाहकार मोदीमल तेगवाल व अन्य शामिल हुए। 

वेतन कटौती के विरोध में शिक्षणेत्तर कर्मचारी

हर महीने सरकारी कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के सरकार के आदेश का विरोध थम नहीं रहा। माध्यमिक शिक्षणेत्तर एसोसिएशन भी इसके विरोध में उतर आई है। प्रदेश के अशासकीय जूनियर हाईस्कूल माध्यमिक इंटर कॉलेज के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रदेश और जिला स्तर के पदाधिकारियों ने ऑनलाइन बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। 

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीएस पंवार ने कहा कि शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने स्वेच्छा से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर दिया है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कर्मचारी क्वारंटाइन सेंटर समेत अन्य जगहों पर कार्य कर रहे हैं। सरकार की वेतन काटने की मनमानी न्याय संगत नहीं है। 

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एसोसिएशन के महामंत्री संजय कुमार गर्ग ने कहा कि शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन वैसे भी बहुत कम होता है। लॉकडाउन में कर्मचारियों पर आॢथक बोझ भी बढ़ गया। ऐसे में हर महीने वेतन काटना उचित नहीं है। बैठक में जिला अध्यक्ष बीडी सेमवाल, महामंत्री दिनेश गैरोला, शिव प्रसाद भट्ट, पुष्कर बहुगुणा, आसाराम डोभाल, चौधरी लोकेश आदि शामिल रहे।

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