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उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की उच्चाधिकार समिति भंग

उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने गुरुवार को 24 सदस्य उच्चाधिकार प्राप्त समिति को भंग कर दिया। संगठनों के एसोसिएशन से अलग हो जाने के चलते यह कदम उठाना पड़ा।

By Edited By: Published: Thu, 28 May 2020 08:36 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 11:03 AM (IST)
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन की उच्चाधिकार समिति भंग

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने 24 सदस्य उच्चाधिकार प्राप्त समिति को भंग कर दिया। एसोसिएशन से अलग हुए कर्मचारी संगठनों के प्रांत और जिला स्तर के कई पदाधिकारी इस समिति के सदस्य थे। जिन्होंने बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली को लेकर हुए आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। 

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अब संगठनों के एसोसिएशन से अलग हो जाने के चलते जनरल ओबीसी एसोसिएशन को यह कदम उठाना पड़ा। एसोसिएशन ने कहा है कि रोस्टर और कर्मचारियों से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा। इसे लेकर अब नए सिरे से रणनीति बनाई जा रही है।

करीब एक साल पहले बिना आरक्षण पदोन्नति बहाली व कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए जनरल ओबीसी वर्ग के कर्मचारियों ने उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के नाम से संगठन खड़ा किया। संगठन ने पदोन्नति बहाली की मांग तो सरकार से मनवा ली, लेकिन अन्य मुद्दों को लेकर संघर्ष आगे बढ़ाने की बात चली तो अंदरखाने में असहमति उभर कर सामने आने लगी।

बुधवार को अचानक राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, सिंचाई महासंघ जैसे आठ संगठनों ने एसोसिएशन से न सिर्फ नाता तोड़ लिया, बल्कि यहां तक ऐलान कर दिया कि उनके संगठनों से जुड़े कर्मचारी ना तो एसोसिएशन के किसी पद पर रहेंगे और ना ही उनके किसी आंदोलन में शरीक होंगे। 

उत्तराखंड में बड़े कर्मचारी संगठन के रूप में उभर रहे जनरल ओबीसी एसोसिएशन को सबसे बड़ा झटका लगा है। इसे देखते हुए एसोसिएशन को अब नए सिरे से कर्मचारियों को एकजुट करने की चुनौती सामने आ खड़ी हुई है। एसोसिएशन ने इसकी शुरुआत करते हुए सबसे पहले 24 सदस्य उच्चाधिकार प्राप्त समिति को भंग कर दिया। 

इस समिति में एसोसिएशन के साथ आए संगठनों के प्रांत व जिला स्तर के पदाधिकारियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। पिछले कुछ महीनों के दौरान चले आंदोलन में जितने भी फैसले लिए गए वह सभी इसी उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने ही आपसी सहमति से लिए थे।

एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया जब संगठन उनसे अलग हो गए तब समिति का अस्तित्व ही बेमानी हो गया। ऐसे में समिति को भंग कर दिया गया है। एसोसिएशन जल्द ही अपनी रणनीति की घोषणा करेगी।

समानता मंच चलाएगा जनजागरण अभियान 

अखिल भारतीय समानता मंच की ऑनलाइन बैठक में सीधी भर्ती के नवीन रोस्टर के विरोध में प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाने की घोषणा की है। मंच के प्रांतीय अध्यक्ष श्यामलाल बिंजोला व महामंत्री जेपी कुकरेती ने कहा कि जातिगत आरक्षण व एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा। 

उन्होंने कहा कि नवीन रोस्टर में पहला पद अनारक्षित वर्ग को दिया जाना चाहिए। इन सब मुद्दों को लेकर मंच आने वाले दिनों में जनजागरण अभियान चलाएगा। बैठक में मंच के मीडिया प्रभारी वीके धस्माना समेत पिथौरागढ़, नैनीताल, अल्मोड़ा समेत अन्य जिलों के पदाधिकारी भी शामिल हुए।

एसोसिएशन चलाएगी ऑनलाइन सदस्यता अभियान

आठ संगठनों के अलग होने के बाद नए सिरे से अपनी ताकत बढ़ाने की भी उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने योजना तैयार करनी शुरू कर दी है। इसके पहले चरण में एसोसिएशन प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाएगा। 

एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने बताया कि एसोसिएशन की वेबसाइट बनकर तैयार हो चुकी है। जल्द ही ऑनलाइन सदस्यता अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन से जुड़ने के लिए कर्मचारियों को न तो अपने मूल संगठन को छोड़ने की शर्त होगी और न ही उसमें लिए गए पद को। बताया कि अब एसोसिएशन की अगली ऑनलाइन बैठक रविवार को होगी

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स्वास्थ्य संगठनों में भी दिखी असहमति

कर्मचारी संगठनों में बुधवार से शुरू हुए घटनाक्रम का असर स्वास्थ्य विभाग के संगठनों में भी दिखने लगा है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मिनिस्टीरियल एसोसिएशन की बैठक हुई। बैठक में निर्णय लिया गया है कि एसोसिएशन की उत्तराखंड मिनिस्टीरियल फेडरेशन से प्राथमिक सदस्यता समाप्त की जाए। ऐसे में अब चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मिनिस्टीरियल एसोसिएशन की उत्तराखंड मिनिस्टीरियल फेडरेशन से सदस्यता समाप्त समझी जाए।

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