देह व्यापार में मां बेटा-दोषी करार, नौकरी के नाम युवतियों को देते थे झांसा
युवतियों से देह व्यापार कराने वाली एक महिला और उसके बेटे को प्रथम अपर जिला और सत्र न्यायालय ने दोषी करार दिया है।
ऋषिकेश, जेएनएन। नौकरी का लालच देकर युवतियों से देह व्यापार कराने वाली एक महिला और उसके बेटे को प्रथम अपर जिला और सत्र न्यायालय ने दोषी करार दिया है। इस मामले में बुधवार को सजा सुनाई जाएगी।
बीते वर्ष 28 मार्च 2018 को मानव तस्करी नियंत्रण इकाई और ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने एक कार से महिला और उसके बेटे को दो युवतियों के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में युवतियों ने बताया कि आरोपित महिला मंजू निवासी रामनगर, लक्खीबाग, देहरादून ने उन्हें नौकरी का झांसा देकर अपने पास बुलाया था। नौकरी देने के बजाय महिला उनसे देह व्यापार कराने लगी।
आरोप था कि महिला मंजू अपने पुत्र ऋषभ के साथ उन्हें देह व्यापार के लिए कभी हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून ले जाती थी। जिस दिन वह पकड़ी गई, उस दिन भी उन्हें हरिद्वार ले जाया गया था, जहां ग्राहक से बात नहीं बनी और फिर महिला और उनका बेटा उन्हें देहरादून में दूसरे ग्राहकों के पास ले जा रहे थे। इस बीच नटराज चौक के समीप पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
पुलिस ने इस मामले में मंजू पत्नी आदर्श कुमार और ऋषभ पुत्र आदर्श कुमार दोनों निवासी रामनगर, लक्खीबाग देहरादून के खिलाफ मानव तस्करी और अनैतिक देह व्यापार के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। यह मामला प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ऋषिकेश में विचाराधीन था। मंगलवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा ने आरोपित मंजू और उसके बेटे ऋषभ को मानव तस्करी व अनैतिक देह व्यापार में दोषी पाया है। कोर्ट इस मामले में बुधवार को सजा सुनाएगा।
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