Uttarakhand: साढ़े पांच लाख से अधिक पर्यटकों ने उत्तराखंड के इस नेचर पार्क का किया दीदार, 27 माह में 4.44 करोड़ की कमाई
च्छीवाला नेचर पार्क के नए स्वरूप में आने से पूर्व अगर हम वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2017-18 तक की बात करें तो यह मात्र 33 लाख रुपए से लेकर अधिकतम 81 लाख रुपए तक वार्षिक बमुश्किल हो पाती थी। लेकिन अब प्रतिवर्ष करोड़ों में वन विभाग को यहां राजस्व प्राप्त हो रहा है। अगर वन विभाग यहां पर जल क्रीड़ा के लिए समुचित स्थान को और विस्तार दे तो...

महेन्द्र चौहान, डोईवाला। Uttarakhand Tourism: लच्छीवाला नेचर पार्क का स्वरूप बदलते ही पर्यटकों की भारी तादाद से यह पार्क गुलजार दिखा। अगस्त 2021 में नए स्वरूप में आए इस पार्क का फिर से शुभारंभ हुआ। जिसके बाद से लेकर अब तक यहां 5 लाख 78 हजार 223 पर्यटकों ने इस नेचर पार्क का दीदार किया है, जिससे वन विभाग को चार करोड़ 44 लाख 56 हजार 947 रुपए की बंपर कमाई हुई है।
लच्छीवाला नेचर पार्क के नए स्वरूप में आने से पूर्व अगर हम वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2017-18 तक की बात करें तो यह मात्र 33 लाख रुपए से लेकर अधिकतम 81 लाख रुपए तक वार्षिक बमुश्किल हो पाती थी। लेकिन अब प्रतिवर्ष करोड़ों में वन विभाग को यहां राजस्व प्राप्त हो रहा है।
वन विभाग के और विस्तार देने पर पर्यटकों में होगा इजाफा
अगर वन विभाग यहां पर जल क्रीड़ा के लिए समुचित स्थान को और विस्तार दे तो यहां पर पर्यटकों की संख्या में और अधिक इजाफा हो सकता है। गर्मियों में यहां हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते है। तो वहीं सर्दियों में भी प्रतिदिन यह आंकड़ा पांच से छह सौ के बीच रहता है। जिससे 12 महीने इस नेचर पार्क में पर्यटक लुत्फ उठा रहे है।
दून के साथ अन्य प्रदेशों के पर्यटकों को करता है आकर्षित
लच्छीवाला वन विश्राम गृह के समीप लगभग 10 हेक्टेयर भूमि में बसाया नेचर पार्क देहरादून जनपद के साथ ही अन्य प्रदेशों हरियाणा, दिल्ली, पंजाब व अन्य प्रदेशों के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहा है। जिसका लाभ वन विभाग को भी मिला है और वन विभाग के लिए यह नेचर पार्क किसी कामधेनु से काम नहीं है। जिसमें जितनी सुविधाएं बढ़ाई जाएगी उतनी ही आय वन विभाग की लगातार बढ़ती जाएगी।
खास बात यह है कि यह नेचर पार्क प्रकृति की सुंदरता को प्रदर्शित करता हुआ रमणीक स्थल है। जहां बच्चों से लेकर बुजर्गों के लिए भी तमाम पर्याप्त संसाधन यहां घूमने के लिए उपलब्ध है।
लच्छीवाला रेंज के वन दारोगा चंडी प्रसाद उनियाल ने बताया कि लच्छीवाला नेचर पार्क में और भी सुविधा बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे है। यह पार्क वन विभाग की आय का बेहतर स्रोत भी बन रहा है।
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