Coronavirus: औद्योगिक क्षेत्रों से 82 हजार से अधिक श्रमिक लौटे घर, संपर्क करना बड़ी चुनौती
लॉकडाउन के दौरान प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 82 हजार से अधिक श्रमिक अपने घरों को लौट चुके हैं। इन श्रमिकों को दोबारा बुलाना उद्योगपतियों के लिए चुनौती है।
देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान प्रदेशभर के औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले करीब 82 हजार से अधिक श्रमिक अपने घरों को लौट चुके हैं। इन श्रमिकों को दोबारा बुलाना उद्योगपतियों के लिए चुनौती बन गया है।
लॉकडाउन अवधि के दौरान अकेले देहरादून जिले से करीब 43,241 श्रमिक अपने घरों को निकल गए। ऐसे में उद्योगों में श्रमिकों की कमी महसूस की जा रही है। उद्योगपतियों का मानना है कि जिन उद्योगों में श्रमिक ठेकेदार के माध्यम से काम करते थे, वहां तो सीधे ठेकेदार से संपर्क किया जा रहा है, लेकिन नियमित काम करने वाले एक-एक श्रमिक से संपर्क करना संभव भी नहीं है।
जिले में सेलाकुई, मोहब्बेवाला, पटेलनगर आदि क्षेत्रों में केवल एमएसएमई सेक्टर की 20 हजार से अधिक इकाइयां हैं। जिनमें 30 हजार से अधिक श्रमिक काम करते हैं। फूड प्रोसेसिंग उद्योग के प्रदेश समन्वयक अनिल मारवाह के अनुसार, उत्तराखंड में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से श्रमिक आते हैं। जिनमें से करीब 70 फीसद श्रमिक परिवार सहित लॉकडाउन के दौरान घरों को लौट गए।
कुछ कंपनियां तो अपने कामगारों से संपर्क कर रही हैं, लेकिन सभी से संपर्क हो पाना संभव नहीं है। उद्योगपति मनोज गुप्ता, पवन अग्रवाल, सिद्धार्थ गुप्ता आदि ने कहा कि फिलहाल उद्योगों में शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए करीब 60 फीसद श्रमिकों को ही बुलाया जा रहा है। इसलिए घरों को लौटे प्रवासी श्रमिकों की कमी अभी कम महसूस हो रही है।
यह भी पढ़ें: कई उद्योग रेड श्रेणी से बाहर, दून में खुल सकेंगे बड़े होटल और अस्पताल
आसान नहीं संपर्क
उत्तराखंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता के मुताबिक, अपने घरों को लौटे एक-एक श्रमिक से संपर्क करना आसान नहीं है। लेकिन वर्षों से उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक व स्थायी कर्मी से तो संपर्क किया जा रहा है, ताकि वह कोरोनाकाल के बाद हालात सामान्य होने पर लौट सकें। सभी श्रमिकों से संपर्क करना कठिन कार्य है।
यह भी पढ़ें: औद्योगिक क्षेत्रों सिडकुल में लीज, रेंट भुगतान की छूट 30 जून तक