कई उद्योग रेड श्रेणी से बाहर, दून में खुल सकेंगे बड़े होटल और अस्पताल
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कई उद्योगों का रेड श्रेणी से बाहर कर दिए जाने से अब दूनघाटी में बड़े होटल अस्पताल समेत सेवा क्षेत्र की अन्य गतिविधियों का रास्ता साफ हो गया।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। तीन दशक पुराने दून वैली नोटिफिकेशन में संसोधन के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा कई उद्योगों का रेड श्रेणी से बाहर कर दिए जाने से अब दूनघाटी में बड़े होटल, अस्पताल समेत सेवा क्षेत्र की अन्य गतिविधियों का रास्ता साफ हो गया है। इसके साथ ही यहां सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत रिसाइक्लिंग प्लांट लग सकेंगे।
यानी अब कूड़े से बिजली बनाने के सयंत्र के अलावा अस्पतालों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण को भी यूनिट लग सकेगी। सीपीसीबी के वर्गीकरण के हिसाब से चिह्नित औद्योगिक गतिविधियों को दूनघाटी में उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने अनुमन्य कर दिया है।
इस संबंध में पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि ने उद्योग समेत अन्य विभागों को पत्र भी भेजे हैं। अनियोजित खनन समेत अन्य कारणों पर्यावरण को पहुंची भारी क्षति के बाद 1989 में केंद्र सरकार ने दूनवैली नोटिफिकेशन जारी किया था। तब यह माना गया था कि जिस उद्योग में 500 से अधिक कार्मिक काम करेंगे, वह प्रदूषणकारी माना जाएगा।
इस तरह के किसी भी उद्योग को रेड कैटेगरी में शामिल कर लिया जाता था। नतीजतन दूनघाटी में औद्योगिक विकास गति नहीं पकड़ पा रहा था। इसके साथ ही कई मामलों में असमंजस की स्थिति भी थी। इसे देखते हुए उद्योग जगत की ओर से लगातार मांग उठाई जाती रही कि दूनघाटी में भी राज्य के अन्य हिस्सों की तरह औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्था की जाए।
राज्य सरकार की ओर से भी इस संबंध में केंद्र सरकार से आग्रह किया। नतीजतन इस साल जनवरी में केंद्र सरकार ने दूनवैली नोटिफिकेशन में संशोधन किया। इसमें साफ किया गया कि रेड कैटेगरी के उद्योग अब भी यहां नहीं लग पाएंगे, मगर उन उद्योगों को राहत दी जाएगी, जो पुराने नोटिफिकेशन के कारण ग्रीन और ऑरेंज श्रेणी के बाद भी रेड में शामिल कर लिए जाते थे। इसके साथ ही संशोधित नोटिफिकेशन में ग्रीन, ऑरेंज व रेड के साथ ही व्हाइट श्रेणी भी शामिल की गई।
नोटिफिकेशन में यह भी साफ किया गया कि सीपीसीबी उद्योगों का जो भी वर्गीकरण करेगी, उसी हिसाब से दूनघाटी में भी इन्हें अनुमन्य किया जाएगा। अब सीपीसीबी ने उद्योगों का वर्गीकरण कर दिया है। पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के अनुसार सीपीसीबी ने पूर्व में इंडस्ट्री में शामिल रही कई गतिविधियों, सुविधाओं, इन्फ्रास्ट्रक्चर व सेवा क्षेत्र को इंडस्ट्री से बाहर की श्रेणी में रखा है।
उन्होंने बताया कि इसमें बड़े अस्पताल, होटल आदि शामिल हैं, जो पहले रेड कैटेगरी में थे और यहां नहीं लग पा रहे थे। उन्होंने बताया कि अब बड़े अस्पताल, होटल के साथ ही सेवा क्षेत्र की अन्य गतिविधियां भी दूनघाटी में अनुमन्य कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण, पर्यटन विकास परिषद, उद्योग विभाग, सिडकुल, एमडीडीए और डीएम देहरादून को पत्र भेजे गए हैं।
पत्र में कहा गया है कि सीपीसीबी से गैर औद्योगिक श्रेणी में शामिल किए गए कार्यों को जल अधिनियम, वायु अधिनियम और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के प्रविधानों के तहत दूनवैली में कार्रवाई की जाए।
कूड़ा-कचरे का होगा निस्तारण
पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के अनुसार अब दूनघाटी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लग सकेंगे। शीशमबाड़ा स्थित रिसाइक्लिंग प्लांट में कूड़े से बिजली बनाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। इसके अलावा अस्पतालों से निकलने वाले कचरे के अलावा रेलवे स्टेशनों से निकलने वाले दूषित पानी के उपचार को संयंत्र लग सकेंगे।
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ये होंगे फायदे
-दूनघाटी में बड़े होटल, अस्पताल खुलने के साथ ही सेवा क्षेत्र की अन्य गतिविधियां हो सकेंगी शुरू।
-इन औद्योगिक श्रेणी की गतिविधियों में बड़ी संख्या में लोगों को मिल सकेगा रोजगार।
-दून से रोजाना निकलने वाले सैकड़ों टन कचरे का हो सकेगा निस्तारण, इससे आय भी होगी।
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