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हर मोर्चे पर नाकाम मोदी सरकार: अभिषेक मनु सिंघवी

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। कहा कि लोकतंत्र को अहंकार और धौंस से नहीं चलाया जा सकता।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 10:27 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 05:06 PM (IST)
हर मोर्चे पर नाकाम मोदी सरकार: अभिषेक मनु सिंघवी
हर मोर्चे पर नाकाम मोदी सरकार: अभिषेक मनु सिंघवी

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: तीन साल पूरे कर रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कांग्रेस खासी आक्रामक है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। रोजगार देने से लेकर किसानों की दशा सुधारने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के नाम पर सिर्फ जुमलेबाजी से काम चलाया जा रहा है। लोकतंत्र को अहंकार और धौंस से नहीं चलाया जा सकता।

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प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से मुखातिब वरिष्ठ नेता अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा कि केंद्र की सत्ता में भारी बहुमत से बैठी नरेंद्र मोदी सरकार जन अपेक्षाओं को पूरा करने में नाकाम रही है। सरकार ने विपक्ष के खिलाफ सीबीआइ का खूब इस्तेमाल किया, जबकि विभिन्न राज्यों में भाजपा की सरकारों के भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधी गई है। उन्होंने सरकार पर चुनाव आयोग समेत संवैधानिक संस्थाओं के स्वतंत्र और निष्पक्ष कामकाज को प्रभावित करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा को भारतीय जनता बर्बादी पार्टी करार दिया।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आंकड़े पेश कर दावा किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में रोजगार घट गया है। वर्ष 2015-16 में 1.35 लाख और 2016-17 में सिर्फ 1.10 लाख युवाओं को ही रोजगार मिला, जबकि पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2010-11 में 9.29 लाख युवाओं को रोजगार हासिल हुआ था। 

वर्ष 2014 से हर साल किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। 2016-17 में करीब 14 हजार किसान आत्महत्या को मजबूर हुए। 2020 तक सौ शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा हकीकत से कोसों दूर है। मौजूदा स्थिति में 100 स्मार्ट शहर बनने में सैकड़ों साल लग जाएंगे। कश्मीर के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। आज हालात सबसे खराब दौर में हैं। इसके अच्छे परिणाम नहीं आने वाले।

भ्रष्टाचार पर केंद्र सरकार पर हमलावर सिंघवी ने कहा कि लोकायुक्त का जानबूझकर गठन नहीं किया गया। इसके लिए नेता प्रतिपक्ष नहीं होने का हवाला दिया जा रहा है, जबकि सीबीआइ निदेशक की नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष के प्रावधान में संशोधन कर दिया गया। मध्यप्रदेश में व्यापम घोटाले की जांच में ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा है, जबकि गुजरात समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के भ्रष्‍टाचार के मामले सामने आ चुके हैं। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह भी मौजूद थे।

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