मंत्री प्रकाश पंत का सीएम को पत्र, स्टिंग प्रकरण में सीबीआइ जांच का अनुरोध
उत्तराखंड के पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने सीएम को पत्र लिखा है। उन्होंने पेयजल निगम के एमडी के कथित स्टिंग की सीबीआइ और एसआइटी से जांच कराने का अनुरोध किया है।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: कथित स्टिंग की आड़ में पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) को ब्लैकमेल करने का मामला मीडिया में आने के बाद सरकार सकते में है। मामले की गंभीरता को देखते हुए संसदीय कार्य एवं पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रकरण की सीबीइआइ अथवा एसआइटी से जांच कराने और जांच पूरी होने तक पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक को अन्यत्र संबद्ध करने का अनुरोध किया है।
भ्रष्टाचार के मसले पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर आगे बढ़ रही मौजूदा सरकार के लिए ब्लैकमेलिंग की यह खबर परेशानी बढ़ा सकती है। चर्चाओं पर गौर करें तो एक व्यक्ति ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर एक विभाग के एमडी का स्टिंग किया। मामले को उजागर न करने के एवज में एमडी से धन की मांग की जा रही है। यही नहीं, एक मंत्री के घर की साज-सज्जा में एक अधिकारी के माध्यम से कार्य करवाने की चर्चाएं भी मीडिया में आईं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए संसदीय कार्य एवं पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि हालांकि मामले की सत्यता संदिग्ध है, लेकिन मामला सीधे तौर पर प्रमुख सरकारी सेवक और उत्तराखंड सरकार के मंत्री से जुड़ा है। साथ ही सरकार पर आक्षेप लगाने का प्रयास भी किया गया है। लिहाजा, इसकी सत्यता की जानकारी का स्रोत, साक्ष्य और तथ्यों को उजागर किया जाना जरूरी है। पत्र में प्रकाश पंत ने उल्लेख किया है कि अपुष्ट सूचना के अनुसार यह मामला पेयजल विभाग से जुड़ा है।
कैबिनेट मंत्री पंत ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री से इसकी सीबीआइ अथवा एसआइटी जांच कराने का आग्रह किया है। साथ ही जांच पूर्ण होने तक एमडी पेयजल निगम को अन्यत्र संबद्ध करने का अनुरोध किया है, ताकि जांच में किसी प्रकार व्यवधान न हो और निष्पक्षता व पारदर्शिता बनी रहे।
पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने यह भी कहा कि मामला भले ही संदिग्ध हो, लेकिन हम इसकी जांच के पक्षधर हैं। अपुष्ट खबरों में इशारा पेयजल निगम के एमडी की ओर है। इसीलिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि प्रकरण की एसआइटी अथवा सीबीआइ जांच कराई कराए जाए और जांच पूरी होने तक पेयजल निगम के एमडी को अन्यत्र संबद्ध कर दिया जाए।
वहीं पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक का कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और ना ही उनका कोई स्टिंग हुआ है। उनका ऐसा कोई बेस भी नहीं रहा। अगर किसी ने उनका स्टिंग किया है तो उन्हें दिखाएं तो सही।
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